उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत के रुझान से उसने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की पेशानी बढ़ गई है। प्रचार और जागरूकता की तमाम कोशिशों के बावजूद उत्तराखंड का मतदाता बड़ी संख्या में अपने घरों से बाहर नहीं निकला।
नतीजा ये है कि लोकसभा चुनाव में 55.89% प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
75 प्रतिशत का शायद ही पूरा होगा लक्ष्य
चुनाव आयोग ने उत्तराखंड में इस बार 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। 2019 में 61.88 प्रतिशत मतदान हुआ था, लेकिन इस बार पांचों सीटों पर मतदान 60 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा कर पाएगा, इसमें भी संदेह जताया जा रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग अंतिम आंकड़े आने के बाद मतदान प्रतिशत में अभी और इजाफे की उम्मीद जता रहा है।
देर रात चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक
टिहरी – 51.74 प्रतिशत
गढ़वाल – 49.93 प्रतिशत
हरिद्वार – 59.12 प्रतिशत
अल्मोड़ा – 45.17 प्रतिशत
नैनीताल – 59.59 प्रतिशत वोटिंग हुई। कम मतदान को अब सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरह से आंक रहे हैं। मतदाताओं के कम बाहर निकलने के बाद तरह तरह की अटकलें हैं जिनका जवाब अब 4 जून को ही मिल पाएगी। राज्य की पांचों सीटों पर कुल 55 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है।
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