4 July 2025

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नरेश बंसल को ‘बयानबाजी’ का ईनाम? कांग्रेस ने साधा निशाना

नरेश बंसल को ‘बयानबाजी’ का ईनाम? कांग्रेस ने साधा निशाना

उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरेश बंसल को क्या इंडिया गठबंधन पर निशाना साधने का ईनाम मिला? क्या नरेश बंसल की बयानबाजी ने ही उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष बनाया? बीजेपी की नई टीम में उत्तराखंड के किसी और नेता को जगह नहीं मिली। सवाल ये है कि क्या उत्तराखंड बीजेपी के किसी भी नेता में राष्ट्रीय सचिव बनने तक की काबलियत नहीं है या आलाकमान उत्तराखंड बीजेपी के नेताओं को कुछ समझता ही नहीं। क्या उत्तराखंड का कोई भी सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री ऐसा नहीं है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर उपाध्यक्ष, महामंत्री या सचिव बनाया जाए? क्या सह कोषाध्यक्ष का पद देकर उत्तराखंड को झुनझुना नहीं थमाया गया? सवाल बहुत सारे हैं मगर असल सवाल इसे लेकर भी है कि क्या नरेश बंसल को इसीलिए पद दिया गया कि उन्होंने इंडिया नाम संविधान से हटाने की पैरवी की है? क्या बंसल की मांग इतनी अच्छी है कि उन्हें सह कोषाध्यक्ष बना दिया गया?

कांग्रेस ने साधा निशाना

नरेश बंसल को पद मिला है इसके लिए उन्हें बहुत बधाई मगर सवाल ये है कि आखिर उत्तराखंड के साथ ऐसा बर्ताव क्यों? सीनियर नेताओं को साइड लाइन क्यों किया जा रहा है? इससे ये भी सिफ है कि बीजेपी ये मानती है कि उत्तराखंड में सत्ता उत्तराखंड के बीजेपी नेताओं की वजह से नहीं बल्कि मोदी के नाम पर ही मिली है। वहीं नरेश बंसल की इंडिया शब्द संविधान से हटाने की मांग पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। देहरादून में कांग्रेस महानगर के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) के नाम से डर गई है। पहले बौखलाहट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया नाम को सिमी, मुजाहिद्दीन और ईस्ट इंडिया कंपनी से जोड़ दिया। अब उत्तराखंड से बीजेपी सांसद नरेश बंसल ने राज्यसभा में इंडिया शब्द को ही संविधान से हटाने की पैरवी कर डाली। लालचंद शर्मा ने कहा कि ये बीजेपी की बौखलाहट का नतीजा है। उसे समझ आने लगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को विपक्षी गठबंधन इंडिया से बुरी तरह हार मिलने वाली है।

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बीजेपी से मणिपुर पर सवाल

कांग्रेस ने बीजेपी की सोच पर भी सवाल उठाए हैं और मणिपुर का मुद्दा उठाकर भी घेरा है। कांग्रेस नेता लालचंद शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरेश बसंल ने शुक्रवार 28 जुलाई को राज्यसभा में कहा कि संविधान से इंडिया शब्द को हटा दिया जाए, क्योंकि ये गुलामी का प्रतीक है। लालचंद शर्मा ने कहा कि जब बीजेपी को लगा कि वह चुनाव हारने वाली है, तो अब इंडिया नाम को लेकर देश में बहस छेड़कर लोगों को ध्यान ज्वलंत मुद्दों बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी से हटाना चाहती है। बीजेपी का प्रयास है कि लोगों को आपस में बांटकर रखा जाए। ताकि चुनाव में उसे फायदा पहुंचे।लोगों को इसी तरह से बांटने की नीति के चलते ही मणिपुर तीन माह से हिंसा की आग में झुलस रहा है। तीन मई से हिंसा होने के बावजूद अभी तक वहां स्थिति नियंत्रण में करने में केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार फैल हो रही है। हर दिन वहां गोलियों की आवाजें सुनाई देती है। लोग दहशत में जीने को मजबूर हैं। वहीं, लोगों का ध्यान बांटने के लिए अब इंडिया के नाम से राजनीति हो गई है।

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‘इंडिया’ से परेशानी क्यों?

देहरादून कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने सवाल किया कि बीजेपी को यदि इंडिया शब्द से इतनी परेशानी है तो आज की तारीख तक अपने ट्विटर अकाउंट के नाम से इंडिया क्यों नहीं हटाया। आज भी बीजेपी4इंडिया लिखा जा रहा है। इसी तरह पहले तक पीएम मोदी वोट फार इंडिया, डिजिटल इंडिया, खेलेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया मेक इन इंडिया सहित कई नारे देते रहे हैं। फिर प्रेजीडेंट आफ इंडिया, प्राइम मिनिस्टर आफ इंडिया आदि भी दस्तावेजों में लिखा जाता है। इस पर बीजेपी तब तक चुप क्यों रही, जब तक विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया नहीं पड़ा।

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उन्होंने कहा कि मणिपुर में तीन मई से जातीय हिंसा हो रही है। मणिपुर जाने के लिए पीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के समय समय नहीं है। वे आगामी विधानसभा और लोकसक्षा चुनाव प्रचार में जुटे हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया वाले मणिपुर रवाना हो गए। बीजेपी के नेताओं का मणिपुर नहीं जाना, इस बात को दर्शाता है कि वह मणिपुर में शांति स्थापित करना नहीं चाहती है। क्योंकि आग उन्हीं की लगाई है। यदि शांति चाहते तो एक बार तो प्रधानमंत्री मणिपुरवासियों से शाांति की अपील करते। साथ ही वह मणिपुर का दौरा करते।