कुमाऊं मंडल विकास निगम के प्रबंधक दिनेश गुरु रानी ने कहा कि विगत दिनों ओम पर्वत की बिना बर्फ की एक फोटो वायरल हो रही है। इससे जहां पवित्र ओम पर्वत पर आस्था रखने वाले
शिव भक्तों का मन टूटा है वहीं आदि कैलाश की यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। यात्रियों द्वारा इस संबंध में जानकारी ली जा रही है।
आज पुनः ओम पर्वत पर बर्फ पड़ गई है। और भगवान भोलेनाथ ओम के रूप में दर्शन देने लग गए हैं। यह चित्र नाभिढाग कैंप कुमाऊँ मंडल विकास निगम के कर्मचारियों द्वारा लिया गया है।
वर्ष 1989 से लगातार मैं भी कैलाश मानसरोवर यात्रा में प्रबंधक व गाइड के रूप में वर्तमान तिथि तक जुड़ा रहा हूं। यह पर्वत कई बार बर्फ बिहीन रहा है ।इससे यह मान लेना की ओम पर्वत लुप्त हो गया है गलत है। पर्यावरण से जुड़े हुए और यात्रा से जुड़े हुए लोगों की अपनी-अपनी राय हो सकती है। इतना जरूर हुआ है की यात्रा में वाहनों की व जहाज की आवाजाही से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इसके लिए ठोस निर्णय लेने की जरूरत है। अभी और बर्फवारी होगी तो ओम पर्वत अपने रूप में आ जाएगा।
उन्होंने कहां की इस प्रकार की फोटो से देश-विदेश से आने वाले यात्रियों पर प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि यह पर्वत हमारी आस्था से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी पर्यटक आवास गृह पिथौरागढ़ से आदि कैलाश की यात्रा में जाने वाले यात्रियों को हिमालय बचाओ अभियान के तहत जोड़ते हुए पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले कारकों का प्रयोग न करने कि जहां शपथ दिलाई जाती है ।और यात्रियों के माध्यम से उच्च हिमालय क्षेत्र में स्थित जोलिंगकोंग , काला पानी, नाभीढांग ,गूंजी में पौधारोपण करने का भगीरथ प्रयास भी किया जा रहा है। जो जारी रहेगा।
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