उत्तराखंड में बढ़ता माफिया राज पुलिस पर की नाकामी उजागर कर रहा है। साथ ही बेहतर कानून व्यवस्था के सरकारी दावों की भी हवा निकाल रहा है। ऋषिकेश में पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब माफिया का जानलेवा हमला इसका सबसे ताजा उदाहरण है। वहीं कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड में कोई भी सुरक्षित नहीं है। दसौनी ने कहा की धर्मनगरी ऋषिकेश में पत्रकार योगेश डिमरी पर शराब माफियाओं ने जानलेवा हमला किया है, योगेश डिमरी को सिर पर गंभीर चोटें आई है, जबड़ा तोड़ा गया है पैर में चोट है और वो इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स अस्पताल में भर्ती है।
दसौनी ने कहा की योगेश लंबे समय से अवैध शराब की तस्करी पर रिपोर्टिंग कर रहे थे , जिसका नतीजा ये हुआ की कुछ अराजक तत्वों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। दसौनी ने उत्तराखंड के पत्रकार समुदाय से योगेश के समर्थन में और शराब माफियाओं के विरोध में एक जुट होने का आह्वाहन किया है और राज्य सरकार से निवेदन किया है कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए। गरिमा ने कहा कि चौथे स्तंभ का तो दायित्व ही होता है समाज में चल रहे अनैतिक और अवैध कार्यों को उजागर करना अगर इस तरह से पत्रकारों पर हमला किया जाएगा तो फिर अपनी जान जोखिम में डालकर कौन पत्रकार सच जनता के सामने लाने का खतरा लेगा?
उत्तराखंड का माहौल बिगड़ रहा- गरिमा
दसौनी ने कहा कि आज उत्तराखंड का माहौल बहुत ही क्षुब्ध करने वाला है जहां न महिलाएं सुरक्षित हैं और ना ही पत्रकार। दसौनी ने कहा कि ये दायित्व राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन का है कि वो प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करें ताकि गुंडाराज ना पनपे।दसौनी ने कहा कि योगेश डिमरी पर इस तरह से हमला करने वालों की जल्द से जल्द धर पकड़ होनी चाहिए और हमलावरों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की कोई पुनरावृत्ति ना हो सके। गरिमा ने कहा की प्रदेश में अवैध शराब बिक्री रोकना किसका काम है ? लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर इस हमले से देवभूमि शर्मसार है।
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