5 July 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

उत्तराखंड में शत्रु संपत्ति को लेकर बड़ा कदम

उत्तराखंड में शत्रु संपत्ति को लेकर बड़ा कदम

सचिव गृह शैलेश बगोली ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु सम्पत्ति से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान सचिव गृह ने शत्रु सम्पत्ति के Process Cases के संबंध में जिलाधिकारी देहरादून, हरिद्वार एवं नैनीताल को स्टेटस रिपोर्ट उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए।

सचिव गृह ने शत्रु सम्पत्ति, जिनमें निहित आदेश निर्गत किये जा चुके हैं, के संबंध में जनपद अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल तथा ऊधमसिंह नगर को निहित शत्रु सम्पत्ति के उपयोग के संबंध में सुस्पष्ट कार्ययोजना उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने शत्रु सम्पत्ति से संबंधित विभिन्न न्यायालयों के समक्ष योजित वादों में प्रबल पैरवी करने के भी निर्देश दिए।

See also  प्रीतम सिंह के बेटे अभिषेक सिंह ने बृनाड जिला पंचायत सीट से किया नामांकन

बैठक में बताया गया कि गृह मंत्रालय से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद देहरादून में 1, हरिद्वार में 68 तथा नैनीताल में 03 अर्थात शत्रु सम्पत्ति के कुल 72 Process Cases है। शत्रु सम्पत्ति, जिनमें निहित आदेश (Vesting Order) निर्गत किये जा चुके हैं, उससे संबंधित जनपद अल्मोड़ा में 06, देहरादून में 04, हरिद्वार में 29, नैनीताल में 03 तथा ऊधमसिंहनगर में 27 अर्थात कुल 69 प्रकरण हैं।

शत्रु सम्पत्ति के अन्तर्गत जनपद नैनीताल स्थित मैट्रोपोल होटल का उपयोग पार्किंग हेतु किये जाने के सम्बन्ध में गृह मंत्रालय से पत्राचार किया गया है। इसके साथ ही बैठक में बताया गया कि जनपद देहरादून में स्थित सभी शत्रु सम्पत्तियों के संबंध में जिला मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट सहित शत्रु सम्पत्तियों के उपयोग की कार्य योजना से अवगत कराये जाने के पूर्व में निर्देश दिए गए हैं।

See also  पंचायत चुनाव में सुगम मतदान को लेकर निर्वाचन आयोग की कसरत

 

निहित आदेश से संबंधित शत्रु सम्पत्ति के अन्तर्गत जनपद अल्मोड़ा के खत्याड़ी में स्थित शत्रु सम्पत्ति, जिनका कुल रकबा 0.502 हेक्टेयर का आधा भाग (0.0251 हेक्टेयर) है। इसके संबंध में निहित आदेश (Vesting Order) निर्गत किये जा चुके हैं, एवं उक्त भूमि को आवास विभाग, उत्तराखण्ड शासन के पक्ष में आवंटित किये जाने हेतु मुख्य पर्यवेक्षक, भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक, गृह मंत्रालय, लखनऊ शाखा से अनुरोध किया गया है।