केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव का ऐलान हो चुका है। इसके साथ ही सियासी हलचल भी बढ़ गई है। कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल को पार्टी ने केदारनाथ सीट जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। गोदियाल को कांग्रेस ने केदारनाथ में सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है। उनके अलावा विधायक भुवन कापड़ी, वीरेंद्र जाती और लखपत बुटोला को बतौर ऑब्जर्वर तैनात किया गया है।
महज 3 दिन के अंदर ही कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है इससे पहले सिर्फ भुवन कापड़ी और वीरेंद्र जाती को पर्यवेक्षक बनाया गया था मगर अब गोदियाल को अहम भूमिका में रखा गया है। इसे लेकर कई कयास भी लगाए जा रहे हैं। गणेश गोदियाल को केदारनाथ उपचुनाव की कमान सौंपने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पिछले महीने ही कर दी थी और अब कांग्रेस ने उनकी बात मान ली है। फिलहाल कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती उम्मीदवार तय करने की है।
कैंडिडेट के नाम को लेकर पार्टी में पहले से ही मतभेद हैं ऐसे में गोदियाल का पर्यवेक्षक बनाया जाना सियासी समीकरण बदलने का संकेत भी दे रहा है। अब दिलचस्पी यही है कि क्या कांग्रेस एकजुटता के साथ चुनाव लड़ पाएगी? क्या लोकसभा चुनाव हारने के बाद गणेश गोदियाल इस उपचुनाव की परीक्षा में पास हो पाएंगे? क्या कांग्रेस आम सहमति से उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाएगी या मामला गुटबाजी में उलझ जाएगा?
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