16 September 2025

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लेफ्ट का राष्ट्रपति को ज्ञापन गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग

लेफ्ट का राष्ट्रपति को ज्ञापन गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग

संविधान निर्माता डॉ बी आर अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गयी टिप्पणी के खिलाफ वामपंथी पार्टी के राष्ट्रीय आह्वान पर वाम दलों के कार्यकर्ता देहरादून के दीन दयाल उपाध्याय पार्क में इकट्ठा हुए और उन्होंने राष्ट्रपति को निम्नलिखित ज्ञापन भेजा । जिसमें गृह मंत्री अमित शाह को पद से बर्खास्त करने की मांग की गई।

लेफ्ट पार्टियों ने अपने ज्ञापन में लिखा

प्रति,

महामहिम राष्ट्रपति,

भारत सरकार, नयी दिल्ली.

द्वारा जिलाधिकारी, देहरादून।

 

महामहिम,

देश संविधान ग्रहण करने के 75 वर्ष पूरे कर चुका है और अगले वर्ष हमारे गणतंत्र को 75 वर्ष पूरे हो जाएँगे. संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर संसद में चर्चा आयोजित की गयी.

संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष, डॉ. बीआर अंबेडकर, जिन्हें देश में संविधान निर्माता का दर्जा प्राप्त है, के बारे में 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में उक्त चर्चा में देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह ने जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किए, वो अमर्यादित और अवमाननाकारी थे.

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केंद्रीय गृह मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति यदि कहे कि अंबेडकर का नाम लेना आजकल फैशन हो गया है और वह इस बात को व्यक्त करने के लिए अभद्र शब्दावली का प्रयोग करे तो यह संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर का अपमान तो है ही, वह वक्तव्य उस जिम्मेदार पद की गरिमा को भी धूमिल करता है, जिसपर अमित शाह बैठे हैं.

महामहिम, अमित शाह जिस सरकार में गृह मंत्री के पद पर बैठे हैं, वह सरकार लगातार ही लोकतंत्र और संविधान पर हमला कर रही है, संवैधानिक संस्थाओं और मर्यादाओं का अवमूल्यन कर रही है. देश की आजादी के समय से ही आरएसएस और भाजपा का पूर्ववर्ती जनसंघ, बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान के बजाय मनुस्मृति थोपना चाहता था. हिंदू कोड बिल पर भी अंबेडकर के खिलाफ सबसे मुखर विरोध करने वालों में ये लोग शामिल थे. भाजपा का राजनीतिक विचार चूंकि आधुनिक, प्रगतिशील, लोकतांत्रिक भारत के विपरीत, प्रतिगामी विचार है, इसलिए उन्हें डॉ अंबेडकर, उनके विचार और संविधान से परेशानी है. इस दृष्टिकोण को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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देश किसी धार्मिक संहिता से नहीं बल्कि उस आधुनिक संविधान से चलेगा, जिसके शिल्पी डॉ.अंबेडकर थे. संविधान और उसके शिल्पी डॉ.अंबेडकर के प्रति अवमानना और द्वेष का भाव रखने वाले किसी व्यक्ति को किसी संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए वामपंथी पार्टियों के देशव्यापी आह्वान के तहत आयोजित इस धरने से हम मांग करते हैं कि श्री अमित शाह को तत्काल केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए.

ज्ञापन देने वालों में भाकपा के राज्य सचिव जगदीश कुलियाल, माकपा के राज्य सचिव राजेंद्र पुरोहित भाकपा(माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी, एटक के महामंत्री अशोक शर्मा, माकपा के जिला सचिव शिव प्रसाद देवली, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, सीटू के प्रांतीय महामंत्री लेखराज, माकपा के देहरादून सचिव अनंत आकाश, जनवादी महिला समिति की महामंत्री दमयंती नेगी, एआईएलयू के महामंत्री शंभू प्रसाद ममगाईं, भाकपा के जिला सचिव नरेंद्र पुंडीर, महिपाल बिष्ट, भगवंत पयाल, प्रेमा, एस एस नेगी, घनश्याम, विक्रम पुंडीर, रविंद्र नौडियाल, अभिषेक भंडारी, गजेंद्र दत्त डंगवाल, दीपेंद्र सिंह, किरण यादव, सोनू आदि शामिल थे.