उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से जारी किए गए जन शिकायत के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1905 को ढकोसला बताया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि जब कल वे नंबर 1905 पर उत्तराखंड में अतिक्रमण के विरुद्ध चल रहे अभियान के विरुद्ध मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर एक शिकायत दर्ज करना चाहते थे तो मुख्यमंत्री द्वारा यहां बिठाए गए कर्मचारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और उनके टेलीफोन को काट दिया गया।
बेरोजगारी बढ़ा रही धामी सरकार
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर जिस तरह से गढ़वाल के गांवों में गरीब दुकानदारों की दुकानें तोड़ी गई हैं उससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं और कमोबेश कुमाऊं मंडल से भी ऐसी ही खबरें हैं और वहां भी अनेक परिवार सड़कों पर आ गए हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस के समय में भी अतिक्रमण तोड़े जाते थे झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी जाती थी लेकिन उसके बदले उन्हें मकान दिए जाते थे, प्लाट दिए जाते थे परंतु मुख्यमंत्री के पास इन लोगों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान नहीं है।
सरकार कर रही मनमानी
धीरेंद्र प्रताप ने कहा राज्य सरकार द्वारा हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध अपने वकील पुनर्विचार याचिका के लिए लगाए जाने चाहिए थे परंतु मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने इस पर जनता के हितों की पैरवी करना उचित नहीं समझा, जिसका नतीजा यह है कि राज्य के तमाम हिस्सों में छोटे दुकानदारों के आंखों में आंसू हैं ,गरीब परिवार रो रहे हैं और मुख्यमंत्री जन कल्याण की दुहाई देते नहीं थकते। धीरेंद्र प्रताप ने सरकार की तथाकथित अतिक्रमण विरोधी नीति की कड़ी निंदा की है और राज्यपाल से जो राज्य के प्रथम नागरिक हैं उनसे मुख्यमंत्री से इस मामले में पेरवी किए जाने हेतु दखल दिए जाने की मांग की है।
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