उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ने का दावा लगातार करते रहते हैं। अपनी सरकार की उपलब्धियां भी सीएम खूब गिनाते हैं। मगर सवाल ये है कि क्या धामी ने कुछ ऐसा कर दिया है जिससे उनकी कुर्सी को खतरा हो सकता है? आखिर किसने कहा कि मत उलझो ये आपकी कुर्सी खा जाएंगे? ये पूरी ख़बर आपको विस्तार से जानिए।
धामी के पास मौका
उत्तराखंड कांग्रेस के नेता आनंद रावत ने सीएम धामी को कुछ सुझाव और टिप्स दिए हैं आनंद रावत ने कहा है
“ पुष्कर धामी की तो बल्ले बल्ले है “
उत्तराखंड के पुष्कर धामी जी के पास हिमाचल के परमार साहब की तरह युग पुरुष बनने का मौक़ा है ? हालाँकि पुष्कर धामी जी 2025 तक उत्तराखंड को देश का नम्बर 1 राज्य बनाने का दावा करते है, परन्तु इसके लिए उनके पास कोई रोड मैप नही है । चन्द शब्दों में कहा जाए तो ये दावा खोखला है ?
लेकिन, रुको ज़रा…………………
एक मौक़ा उनको हिमाचल में हुई इस बार की प्राकृतिक आपदा के कारण मिलने जा रहा है ? हिमाचल प्रदेश के लैंडस्लाइड व अतिवृष्टि के कारण हुए नुक़सान की भयावह तस्वीर पूरे देश ने देखी और कही ना कही पर्यटकों के मन में एक डर पैदा कर दी है । सम्भवतः पर्यटक दूसरे पर्वतीय राज्य जैसे कश्मीर या उत्तराखंड का रूख कर सकते है, और इसी मौक़े को उत्तराखंड ने लपकना है ?
लेकिन इसकी तैयारी अभी से करनी होगी, क्योंकि वर्तमान की व्यवस्था नाकाफ़ी है, पर्यटकों का पसंदीदा राज्य बनने के लिए ? हालाँकि इसके लिए आपको कोई “इन्वेस्टर सम्मिट” या केन्द्र से अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता नही है ? आपको सिर्फ़ गोवा और सिक्किम की राजधानी गैंगटोक की तर्ज पर पर्यटन की व्यवस्था को बनाना है ?
आनंद रावत के सुझाव
1. पर्यटक सबसे ज़्यादा मसूरी व नैनीताल में आएगा । इसके लिए पर्यटकों को देहरादून के कुठालगेट व हल्द्वानी के रानीबाग स्थित एचएमटी के पास पार्किंग स्थल बनाया जाए और पर्यटकों को शटल सेवा के तहत मसूरी व नैनीताल पहुँचाया जाए ।
2. हल्द्वानी व देहरादून में “ बेड एंड ब्रेक्फ़स्ट “ प्लस स्कूटी के तहत लोगों के आवास में ख़ाली कमरों का उपयोग पर्यटकों को ठहराने का इंतज़ाम कर सकते है जिनका पंजीकरण व ट्रेनिंग पर्यटन विभाग कर सकता है, जिसमे लोग अपने घरों में सुविधाजनक कमरे व ब्रेक्फ़स्ट पर्यटक को देंगे और मसूरी और नैनीताल जाने के लिए स्कूटी । इसके तहत लोगों की अतिरिक्त आमदनी होगी और सड़क पर चार पहिए गाड़ियों का दबाव कम होगा ।
3. “बेड एंड ब्रेक्फ़स्ट “ प्लस स्कूटी की नीति पर्वतीय क्षेत्र जैसे रानीखेत, अल्मोड़ा, लोहाघाट, चम्पावत, लैंसड़ाउन, धूमाकोट, मानिला, व अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी अपनायी जा सकती है ।
4. होम-स्टे की बुकिंग कुमाऊ मंडल व गढ़वाल मंडल विकास के माध्यम से हो ताकि सरकार की मॉनिटरिंग हो सके भविष्य के लिए नीति बनाने के लिए ।
5. उत्तराखंड पुलिस की ट्राफ़िक व्यवस्था चाक चौबंद होनी चाहिए ।
6. पर्यटक हेल्पलाइन व चौबीस घण्टे की कॉल सेंटर व्यवस्था ।
7. पर्यटकों को लूट से बचाने हेतु सरकार का मानवीय चेहरा दिखना चाहिए ।
मेरे अनुमान है, 50 लाख से 1 करोड़ तक पर्यटकों की संख्या उत्तराखंड का हिमपात से लेकर हिमाच्छादित चोटियों को देखने के लिए आएँगे और सरकार को इस क़वायद से कम से कम 10 हज़ार करोड़ का राजस्व मिलेगा जो अभी 4 हज़ार करोड़ के आसपास है ।
आनंद रावत ने कहा मैं कांग्रेसी हूँ, और बाग़ेस्वर उपचुनाव में अपनी भूमिका निभाने जा रहा हूँ, लेकिन उत्तराखंडी होने के नाते, मैंने अपने सुझाव सरकार के सामने रख दिए है ।
धामी को क्या नसीहत
सुझाव देने के साथ ही आनंद रावत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को सलाह और नसीहत भी दी है। आनंद रावत ने लिखा है “एक मशवरा है धामी जी को- बेरोज़गार युवाओं से मत उलझो, ये आपकी कुर्सी खा जाएंगे?”
अब सवाल ये है कि क्या बेरोजगारी के मुद्दे पर सच में धामी को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं? क्या उत्तराखंड के बेरोजगारों से किया वादा धामी और डबल इंजन सरकार पूरा नहीं कर पा रहे? क्या बेरोजगारों का गुस्सा सरकार पर भारी पड़ेगा?
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