उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने धामी सरकार द्वारा उत्तराखंड प्रदेश में बिजली की दरों में की गई भारी वृद्धि पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे महंगाई के बोझ से दबी जनता के सिर पर और बोझ डालने वाला बताया।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष बिजली की दरों में भारी वृद्धि कर जनता पर महंगाई का बोझ डालने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी अप्रैल माह में धामी सरकार द्वारा बिजली के दामों में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई और इस वर्ष भी अप्रैल माह के शुरूआत में ही एकबार फिर से बिली के दामों में भारी वृद्धि की गई है जोकि जनहित में न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है। बिजली की दरों में बढोत्तरी के राज्य सरकार के निर्णय से पहले से ही मंहगाई की मार झेल रही प्रदेश की जनता पर दोहरी मार पड़ेगी जिसका खामियाजा गरीब, किसान व आम जनता को भुगतना पड़ेगा।
डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि विद्युत उत्पादक राज्य होने के बावजूद उत्तराखण्ड राज्य में पूर्व से ही बिजली की दरें अन्य कई राज्यों जिनमें विद्युत उत्पादन लगभग शून्य है, की अपेक्षा काफी अधिक हैं तथा अब अतिरिक्त बिजली खरीदने तथा नवीनीकरण के नाम पर एडीबी से लिये गये नये लोन का बोझ भी प्रदेश की आम जनता पर थोपा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार व प्रदेश सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों के कारण गरीब व आम आदमी पहले से ही महंगाई की मार से त्रस्त है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017 से 2025 के मध्य 8 वर्ष के अन्तराल में बिजली के दामों में लगभग 45 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि की गई है। इसके विपरीत आम जरूरत की चीजों के दामों में कई गुना वृद्धि पर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। रसोई गैस, पेट्रोलियम पदार्थ तथा खाद्य पदार्थों के लगातार बढ़ रहे दामों के बाद अब राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में भारी वृद्धि कर जनता को मंहगाई के बोझ से लादने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर अस्पताल, स्कूल, कॉलेजों की बिजली भी मंहगी होने से शिक्षा मंहगी होने का अंदेशा है वहीं किसानों के नलकूपों के लिए बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी पहले से कर्ज के बोझ से दबे किसानों की कमर तोड़ने जैसा है। बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला किसी भी दृष्टि से तर्क संगत प्रतीत नहीं होता है। कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने मांग की है कि व्यापक जनहित को देखते हुए सभी प्रकार की विद्युत दरों में की गई वृद्धि के निर्णय को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।

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