सिंगटाली पुल के निर्माण को लेकर क्षेत्रीय जनता का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के नेतृत्व में हजारों लोग एकजुट होकर बद्रीनाथ हाईवे पर सांकेतिक जाम लगा रहे हैं। यह प्रदर्शन उस समय और भी उग्र हो गया जब लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर अपने संकल्प को शुद्ध किया और पुल के निर्माण की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। समिति का कहना है कि यदि 15 दिनों के भीतर पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो क्षेत्रीय जनता चार धाम यात्रा को बाधित करने पर मजबूर होगी। आंदोलन में दिल्ली, चंडीगढ़, गुड़गांव समेत अन्य जगहों से लोग शामिल हुए हैं। आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी से वार्ता के बाद उप जिलाधिकारी से यह विश्वास दिलवाया कि जल्द ही सिंगटाली पुल के निर्माण को लेकर ठोस निर्णय लिया जाएगा।
समिति के संयोजक विकास रयाल ‘कर्मयोगी’ ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो चार धाम यात्रा भी इस जनाक्रोश से अछूती नहीं रहेगी। पूर्व गढ़वाल कमिश्नर एस एस पांगती और अन्य नेताओं का कहना है कि यह संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। यह सिर्फ एक पुल का निर्माण नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा और क्षेत्र की जीवन रेखा का सवाल है।
इस आंदोलन में स्थानीय जनता, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक प्रतिनिधियों का भारी समर्थन मिल रहा है। अगर सरकार ने जल्दी कदम नहीं उठाए, तो सिंगटाली पुल का निर्माण क्षेत्रीय जनता की मांग का सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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