जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है। संघर्ष समिति ने डीएम चमोली के जरिए चिट्ठी सीएम को भेजी है। इसमें सरकार के वो वादे याद दिलाए गए हैं जो अब तक पूरे नहीं हुए। साथ ही जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की तकलीफों का जिक्र कर उनके समाधान की मांग की गई है। संघर्ष समिति ने चिट्ठी में लिखा है
सेवा में,
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
देहरादून ।
द्वारा : जिलाधिकारी चमोली
विषय : जोशीमठ ( ज्योर्तिमठ) आपदा प्रभावितों के पुनर्वास एवम जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति के साथ मुख्यमंत्री की सहमति के बिन्दुओं पर कार्यवाही के सन्दर्भ में ।
महोदय, उपरोक्त विषय के सन्दर्भ में निवेदन है कि दो वर्ष के अन्तराल के बावजूद आपदा प्रभावितों के मूल सवाल हल नहीं हुए हैं , जिन पर विभिन्न माध्यमों से एवं लागतार आपका ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है । इन पर शीघ्रता से निर्णय एवम कार्यवाही की अपेक्षा करते हैं, जबकि पुनः मानसून की बारिश का मौसम शूरू हो रहा है और आपदा से प्रभावित लोग जो संवेदनशील स्थानों पर हैं आशंका ग्रस्त हैं । महोदय दो वर्ष पूर्व लम्बे आन्दोलन के उपरान्त सरकार ने जोशीमठ आपदा प्रभावितों की सभी मांगों पर सहमति व्यक्त करके उन पर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया था । जिसके उपरान्त सरकार के आग्रह एवं आश्वासन पर आन्दोलन स्थगित किया गया था । किन्तु महोदय दो वर्ष बीतने पर भी अभी तक प्रभावित अपनी समस्याओं के स्थाई हल की प्रतीक्षा कर रहे हैं । प्रभावितों के कई परिवार अभी भी अस्थाई रूप से राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं ।
सैकड़ों अन्य अपने भविष्य के प्रति अनिश्चित किराए पर अथवा उन्हीं क्षतिग्रस्त घरों में रहने को विवश हैं ।
घर का मुआवजा मिला है तो भूमि का मूल्य अथवा भूमि का चयन अभी तक नहीं हुआ है । जिससे विस्थापित पुनर्वासित होने की सारी प्रक्रिया ही रुकी हुई है । बहुत से लोगों का मुआवजा ही तय नहीं हो पाया है जिनमें, राजीव आवास, प्रधानमंत्री आवास, टिन शेड और परम्परागत पठाल पत्थर के घर आदि शामिल हैं । जोशीमठ के सुदृढ़ीकरण के कार्य की शरुआत अभी बहुत प्राथमिक स्तर पर ही है । मानसून की दस्तक हो चुकी है । जिससे पहले ही धंसाव से प्रभावित क्षेत्रों पर गंभीर असर होने की आशंका रहेगी । जोशीमठ के कई स्थानों पर लोगों द्वारा पिछले दिनों में बड़े गड्ढे होने की बात कही गई है ।
पुनर्वास की प्रक्रिया में देरी से और समय बीतते जनता में लगातार असंतोष व्याप्त हो रहा है । लगातार लिखने बोलने के बावजूद धरातल पर कार्यवाही नहीं दिखती है । जिससे पुनः बड़े आन्दोलन को जनता को विवश होना होगा जो पहले ही प्रभावित जनता और सरकार की कानून व्यवस्था के लिए उचित नहीं होगा । अतः आपसे निवेदन है कि अप्रैल 2023 में आपके साथ बनी सहमति के सभी बिन्दुओं पर शीघ्र कार्यवाही की जाए साथ ही निम्न पर जो कि सहमति के ही बिन्दु हैं पर प्राथमिकता से कार्यवाही हो ।
1 . आपदा प्रभावितों के पुनर्वास हेतु भूमि का चयन और भूमि का मूल्य शीघ्र निर्धारित किया जाए , जिससे पुनर्वास की प्रक्रिया में गति आए ।
2 . जब तक प्रभावितों का पूर्ण पुनर्वास नहीं हो जाता उनके बिजली पानी भवन आदि को उनके मानवीय अधिकार के तहत बहाल रखा जाए ।
3 . पुनर्वास किए जाने से पूर्व सामाजिक आर्थिक प्रभाव आंकलन सर्वेक्षण किया जाए जो कि अब तक हो जाना चाहिए था , जिससे कि न्यायपूर्ण एवम व्यवस्थित पुनर्वास सम्भव हो सके ।
4 . शासन प्रशासन स्तर पर विभिन्न समयों में दिए गए सुझावों पर अमल किया जाए ।
5 . जिन भवनों का मुआवजा अभी तय नहीं हुआ है यथा राजीव आवास प्रधानमंत्री आवास, टिन शेड, परम्परागत आवास आदि का मुवाजा शीघ्र तय करके दिया जाएं ।
6 . सहमति के अनुरूप जोशीमठ आपदा से हुए सभी लोगों के नुकसान की भरपाई हेतु तय मुआवजे का शीघ्र निर्धारण कर वितरण किया जाए ।
7 . जोशीमठ की भार वहन क्षमता को कम करने हेतु सेना को सीमा की ओर अग्रिम क्षेत्रों में शिफ्ट करने का प्रस्ताव किया जाए ।
जिलाधिकारी चमोली को एक प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से प्रेषित इस ज्ञापन पर शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा में ..

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