बागेश्वर में रवि पाल नाम के युवा ने डीएम दफ्तर के बाहर धरना शुरू कर दिया है। रवि पाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की हालिया आपदा ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस आपदा में अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 90 लोग अभी भी लापता हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रवि पाल का कहना है कि ये त्रासदी टाली जा सकती थी अगर अधिकारी समय रहते कदम उठाते।
रवि पाल ने बताया कि उन्होंने पहले ही 06 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री को पत्र भेजकर चेतावनी दी थी कि उत्तराखण्ड समेत देशभर में आपदा प्रबंधन की भारी कमी है और यदि इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो बड़े हादसे हो सकते हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि यह केवल प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी नतीजा है। यदि अधिकारियों ने समय रहते चेतावनियों और पत्रों पर संज्ञान लिया होता तो सैकड़ों जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।
रवि पाल ने मांग की है कि—
लापरवाह अधिकारियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएं। दोषियों को तत्काल निलंबित कर कठोर विभागीय कार्यवाही की जाए। मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा और लापता लोगों की खोज के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि सरकारी प्रणाली की विफलता है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रत्येक नागरिक को जीवन और सुरक्षा का अधिकार है, और इस अधिकार की रक्षा करना शासन और प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
रवि पाल ने जनता, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे इस जनआंदोलन में साथ आएं ताकि आने वाली पीढ़ियां ऐसी त्रासदियों का शिकार न बनें।

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