मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा प्रायोजित तथा उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) द्वारा संचालित युवा आपदा मित्र योजना के उत्तराखण्ड में प्रारंभ होने पर सभी युवाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और आपदा सशक्त भारत तथा उत्तराखण्ड के संकल्प की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसके माध्यम से युवाओं को आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित कर समुदाय आधारित त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत किया जा रहा है।

अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक संवेदनशील पर्वतीय राज्य है, जहां प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती निरंतर बनी रहती है। ऐसे में हमारे युवाओं का प्रशिक्षित एवं सजग होना आपदाओं से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण को केवल एक कार्यक्रम न समझें, बल्कि इसे राज्य और समाज की सेवा का अवसर मानें।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से देशभर में युवाओं को आपदा के समय सहयोग और सेवा की भावना से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड के युवा इस योजना के माध्यम से अपने राज्य को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल बनाने में अपना योगदान देंगे।
वहीं योजना के अंतर्गत रविवार को भारत स्काउट्स एंड गाइड्स का प्रशिक्षण शिविर भोपालपानी स्थित ट्रेनिंग सेंटर में प्रारंभ हुआ। सात दिवसीय आवासीय शिविर में कुल 80 स्वयंसेवक प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें 40 रेंजर व 40 रोवर शामिल हैं। शिविर का उद्घाटन भारत स्काउट एंड गाइड के प्रदेश सचिव आर एम काला तथा ऐशिया पैसेफिट अवार्डी श्री हरीश कोठारी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री आर एम काला ने कहा कि युवा आपदा मित्र योजना उत्तराखण्ड राज्य के लिए भारत सरकार की अनुपम पहल है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को आपदा की घड़ी में संगठित, कुशल एवं आत्मविश्वासी प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में तैयार किया जाएगा जो अपने समुदायों में आपदा प्रबंधन एवं जन-जागरूकता के संवाहक बनेंगे।
एशिया पैसिफिक अवार्ड हरीश कोठारी ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा के समय समुदाय की पहली प्रतिक्रिया ही सबसे प्रभावी होती है, और यदि हमारे युवा प्रशिक्षित एवं सजग हों, तो किसी भी आपदा की स्थिति में जनहानि और नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवा आपदा मित्र योजना के माध्यम से युवाओं को न केवल आपदा प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी जा रही है, बल्कि उन्हें सामाजिक उत्तरदायित्व, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता से भी सशक्त किया जा रहा है।
पहले दिन घायलों को स्थानांतरित करने की विधि सीखी
शिविर के पहले दिन एसडीआरएफ के प्रशिक्षक वीरेंद्र काला, दिगपाल लाल, संदीप गोस्वामी एवं अजय कुमार ने युवाओं को आपदा प्रबंधन की विभिन्न विधाओं के बारे में प्रशिक्षित किया। प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन के मूल सिद्धांत, लोड शिफ्टिंग, लीवर एवं पुली के प्रकार, घायलों को सुरक्षित स्थानांतरित करने की विधि, टीमवर्क, प्राथमिक चिकित्सा तथा सामुदायिक जागरूकता आदि विषयों का सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।

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