उत्तराखंड में सरकार और मुख्यमंत्री के लाख दावों के बावजूद सरकारी विभागों का सिस्टम नहीं सुधर रहा। भ्रष्टाचार, मनमानी, लापरवाही और काम में देरी हर विभाग की आदत सी बन चुकी है। अफसरशाही की मनमर्जी के सामने सरकार की बेबसी की चर्चा भी खूब हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक बार फिर अपनी आंखों से सरकारी तंत्र का खोखलापन देखा। रामनगर में एआरटीओ ऑफिस में धामी ने औचक निरीक्षण किया तो उन्हें खुद हैरानी हुई कि देहरादून में बैठकर जो बात वो हजार बार कह चुके हैं उस पर अमल होना तो दूर उसे कोई अधिकारी गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है।
रामनगर में लापरवाही की हद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार की शाम रात्रि विश्राम के लिए रामनगर पहुंचे थे आज मुख्यमंत्री दोपहर में अचानक ए आरटीओ कार्यालय में छापा मारने पहुंच गए। जिसके बाद उनके साथ मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही कर्मचारियों में अफरा तफरी मच गई। मुख्यमंत्री के एआरटीओ कार्यालय पहुंचते ही वहां मौजूद दलालों में हड़कंप मच गया, कई दलाल अपनी अपनी दुकानों को बंद कर मौके से फरार हो गए। मुख्यमंत्री धामी ने छापा मार कार्रवाई के दौरान इस कार्यालय में फाइलों की जांच करने के बाद वाहनों के रजिस्ट्रेशन में की जा रही लापरवाही पर नाराजगी जताई।
फाइल पेंडिंग, काम कौन अटका रहा?
मुख्यमंत्री धामी बार बार जीरो पेंडिंग की बात लगातार करते आए हैं यानी किसी भी विभाग में कोई फाइल अटकनी नहीं चाहिए बल्कि हर काम तेजी से हो ये बात सीएम ना जाने कितनी बार कह चुके हैं लेकिन रामनगर में जो दिखा वो हैरान करने वाला था। फाइलों में पेंडिंग काम देखकर सीएम धामी भड़क गए और जल्द ही सारे काम निपटाने का आदेश दिया। अब सवाल ये है कि देहरादून में सीएम जो बात कह रहे हैं या कहते हैं उस पर अमल क्यों नहीं हो रहा आखिर सरकारी आदेशों को हवा में क्यों उड़ाया जा रहा है? जब सीएम ने खुद ही गलती पकड़ ली तो समझा जा सकता है कि अधिकारियों का रवैया काम को लेकर कैसा है।
नशे में ड्राइविंग, मौत को दावत!
सीएम धामी ने रामनगर और आस पास के क्षेत्र में नशे में वाहन चलाना एवं ओवरलोड वाहनों की भारी खामियों पर भी कड़ी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि सरकारी कार्यालय में जनता को चक्कर न लगाने पड़े और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी के साथ जनता को राहत दें, साथ ही उन्होंने कहा कि यदि जनता के कार्यों में लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री और मंत्री कार्रवाई वाली बात लगातार कहते रहे हैं उसके बाद भी धरातल पर काम नहीं दिख रहे अब सवाल यही है कि सिस्टम कैसे सुधरेगा? सरकार की हनक कब दिखेगी? लोगों को राहत कब मिलेगी?
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