उत्तराखंड सदन में अब हर रविवार को जौनसार -बावर के व्यंजन जैसे सिडकु, मशयाड़ा भात, चिल्लडे़ और शशाणी उपलब्ध होंगे इससे पहले हर इतवार को वहां पर गढ़वाली-कुमाऊनी व्यंजन ही परोसे जाते थे लेकिन अब उतराखण्ड सदन में पहाड़ी पकवानों में जौनसार बाबर के ये पहाड़ी भोजन भी प्राप्त होंगे। जौनसार बाबर जनजातीय कल्याण समिति दिल्ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इन जौनसार बावर व्यंजनों को उतराखण्ड सदन के मेनु में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद किया हैं।
रतन सिंह रावत, चेयरमैन, जौनसार बावर जनजाति कल्याण समिति के मुताबिक ये बड़े ही हर्ष की बात है कि उत्तराखंड सदन कुमाऊं और गढ़वाल पहाड़ी व्यंजनों के साथ ही जौनसार बावर के व्यंजनों को चखने के लिए गढ़वाल, कुमाऊं व जौनसार बावर की जानी मानी हस्तियों ने स्वागत किया।
अनूठे और स्वादिष्ट व्यंजन
उत्तराखंड सदन में इन व्यजनों को बनाने के लिए जौनसार बावर की महिलाएं जिनमें प्रमुख थे गीता सिंह रावत ग्राम बुल्हाड खत भरम चकराता, जया राणा, ग्राम भूट बाबर, लक्ष्मी चौहान ग्राम इच्छला,जौनसार बिरमा शर्मा ग्राम भटाड़ (ढकाड़ा) बावर निर्मला रावत ग्राम भुनाड़ बाबर आदि के द्वारा उत्तराखंड सदन में जौनसार बावर के भोजन जैसे सिड़कु, पीठे और कणकेयाड़ दोनों तरह के बनाए गए थे तथा इसमें पोस्त दाना, भंगजीरा व अखरोट की फिलिंग की गई था और घी के साथ परोसें गये। दूसरी डिश मशयाड़ा-भात यानी लाल चावल व उड़द के साथ पकता है व इसे घी, दही व ऊपर से इसके साथ पोस्त दाना व अखरोट का मसाला खाते समय मिलाया जाता है,! इसके अलावा गेहूं के चिल्लड़े (जिसे पटांडे भी कहते हैं ) जो की बिल्कुल डोसे की तरह बनाए जाते हैं लेकिन इसे शहद और घी के साथ खाया जाता है ! इसके अलावा चौथी डिश जिसे “शशाणी” चावल और दही/ छाच को मिलाकर फ्रराई करके बनाई गई, इन सब का स्वाद इस आयोजन में पहुँचे तमाम मेहमानों ने खाया !
इस कार्यक्रम का आयोजन जौनसार बाबर जनजातीय कल्याण समिति दिल्ली के तत्वावधान में किया गया , जिसमें जौनसार बावर जनजातीय कल्याण समिति दिल्ली के चेयरमैन Ex IRS श्री रतन सिंह रावत, अध्यक्ष विधादत जोशी, महासचिव सुल्तान सिंह चौहान, उपाध्यक्ष अतर सिंह राणा, चमन सिंह रावत आदि के अलावा गणमान्य व्यक्तियों में गढ़वाल कुमाऊँ से पी सी नैलवाल भूतपूर्व प्रवासी मंत्री उत्तराखंड, गोपाल उप्रेती बागवान एवं व्यवसाय जोकि राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत है, के सी पांडे समाजसेवी, हरेंद्र ओसवाल प्रोफेसर जाकिर हुसैन कॉलेज दिल्ली, रोशन गोड़ पत्रकार ,सुनील नेगी , उत्तराखंड पत्रकार फोरम के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार, सी एम् पपने पत्रकार, गोपाल उनियाल व्यवसायी ,के नैथानी जीएमआर ग्रुप, महेश चन्द्रा जी Ex लोक सेवक, एस पी मेठानी जी वरिष्ठ लाइब्रेरियन एवं प्रोफ़ेसर दिल्ली विश्वविद्यालय आदि इन व्यंजनों को टेस्ट करने के लिए उपस्थित थे!
इसके अलावा जौनसार बावर से राजेंद्र सिंह तोमर रिटायर्ड डीजीपी रिटायर्ड कोस्ट गार्ड एवं मेंबर एनडीएमए भारत सरकार, मनोज शर्मा चीफ इंजीनियर रेलवे, कुलानंद जोशी रिटायर्ड आईएएस दिल्ली सरकार, श्रीमती उर्मिला सिंह तोमर ग्राम बिरमेऊ, श्रीमती संगीता सेमवाल आदि लोग उपस्थित हुए!
इस भोजन का आयोजन का उत्तराखंड सदन में सदन के व्यवस्थापक रंजन मिश्रा जी उत्तराखंड सरकार के उत्तराखंड सदन में मीडिया कन्वीनर मदन मोहन सती जी ने कराया ! जौनसार बावर जनजाति कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तराखंड सदन का दिल से बहुत-बहुत आभार व्यक्त किया! उतराखण्ड सदन में मुख्यमंत्री के मुख्य मीडिया कन्वीनर मदन मोहन सती जी ने इसमें बहुत बड़ा सहयोग था !
जौनसार बावर के पूर्व आईआरएस और सेवानिवृत्त आयकर वरिष्ठ नौकरशाह रतन सिंह, जिनकी पहल पर इन जौनसार बावर व्यंजनों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखंड Sadan थाली में जोड़ा गया था, ने सीएम को उनके समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जौनसारी व्यंजनों के बारे में विस्तार से बताया कि ये कितने स्वादिष्ट होते हैं और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह कुलानंद जोशी, जो जौनसार संगठन से भी जुड़े हैं, ने सीएम और जौनसार की महिलाओं के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने पहली बार उत्तराखंड सदन के शेफ और अन्य रसोई कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर ये स्वादिष्ट भोजन तैयार किया।
के. सी. पांडे प्रसिद्ध कार्यकर्ता और भारत में जल शोधन में एक जापानी कंपनी के निदेशक कैलाश पांडे ने जौनसारी व्यंजनों की संचयी पहल की सराहना करते हुए दिल्ली के उत्तराखंड सदन में उत्तराखंड के भोजन थाली को शामिल करने की सराहना करते हुए कहा कि कैसे उनके प्रयासों और तत्कालीन उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत से मुलाकात के बाद उत्तराखंड कुमाऊं और गढ़वाल के व्यंजनों को जबरदस्त प्रमुखता दी गई और तत्कालीन सरकार के विशेष प्रोत्साहन से उत्तराखंड थाली को हर जगह पेश किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करने वाले भारतीय तट रक्षक के पूर्व डीजी और वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह ने रतन सिंह, कुलानंद जोशी और अन्य लोगों के नेतृत्व वाले संगठन, विशेष रूप से दिल्ली में जौनसार की महिलाओं की सराहना की, जिन्होंने जौनसारी व्यंजन तैयार किए और इसे आज से, नया साल में उत्तराखंड थाली में शामिल कराया। उन्होंने उनके अनुरोध पर तुरंत सहमति जताने के लिए उत्तराखंड के सीएम को विशेष रूप से धन्यवाद दिया और राष्ट्रीय स्तर पर उनके गतिशील नेतृत्व के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की।
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