उत्तराखंड विधानसभा में चर्चा के बाद आज समान नागरिक संहिता का बिल पास हो गया। दिनभर विधानसभा में बिल को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद सीएम का संबोधन हुआ। शाम को यूसीसी बिल ध्वनिमत से पास कर दिया गया। इसके साथ ही उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब इस बिल को राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

उत्तराखंड विधानसभा में आज राज्य आंदोलनकारियों के 10% क्षैतिज आरक्षण का बिल भी सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। बिल पास होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड के लिए खास दिन है। मैं विधानसभा के सभी सदस्यों और राज्य की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। उनके समर्थन से ही आज ये कानून बन पाया है। धामी ने पीएम का आभार जताते हुए कहा कि ये कानून समानता का है। ये कानून किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि उन माताओं बहनों का आत्मबल बढ़ाएगा, जो किसी प्रथा, कुरीति की वजह से प्रताड़ित होती थीं।
चुनाव के नजरिए से ना देखा जाए- धामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि करीब दो साल में UCC बिल सदन से पास करवाया। धामी ने उम्मीद जताई की देश के दूसरे राज्य भी इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।
धामी ने बताया कि उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव के दौरान बीजेपी ने संकल्प लिया था, लिहाजा इसे आगामी चुनाव के नजरिये से न देखा जाए।
UCC में क्या खास?
विधेयक में शादी, तलाक, विरासत और गोद लेने से जुड़े मामलों को ही शामिल किया गया है। इन विषयों, खासतौर पर विवाह प्रक्रिया को लेकर जो प्राविधान बनाए गए हैं उनमें जाति, धर्म अथवा पंथ की परंपराओं और रीति रिवाजों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। वैवाहिक प्रक्रिया में धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। धार्मिक रीति-रिवाज जस के तस रहेंगे। ऐसा भी नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे। खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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