उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने मनीष खंडूरी के पार्टी छोड़ने पर कई सवाल उठाए हैं। साथ ही कई चौंकाने वाली बातें भी कही हैं। धीरेंद्र प्रताप ने पार्टी नेतृत्व को भी भविष्य में सतर्कता बरतने का सुझाव दिया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि 2019 में मनीष खंडूरी कांग्रेस में आए थे और पार्टी ने आते ही उन्हें लोकसभा का टिकट थमा दिया, जिसमें वो कुछ चमत्कार नहीं कर पाए और करारी हार हुई।
इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया टीम में शामिल किया। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि बीते 5 वर्ष में मनीष खंडूरी ने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे संगठन या पार्टी को रत्ती भर भी फायदा हुआ हो। धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि 5 साल में खंडूरी का परफॉर्मेंस ऐसा नहीं था कि इस बार भी उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जाता, इसके बाद भी सिर्फ उनके नाम की वजह से दावेदारों की लिस्ट में टॉप थ्री में शामिल किया गया।
मनीष जैसे दिखते हैं वैसे हैं नहीं- धीरेंद्र प्रताप
धीरेंद्र प्रताप ने ये भी कहा कि मनीष खंडूरी ने इस्तीफे में किसी नेता के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है और ना ही कांग्रेस को लेकर कोई कड़वी बात कही है इसके जरिए उन्होंने खुद को सीधा-साधा दिखाने की कोशिश की है। धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि जूनियर खंडूरी जितने सीधे बनते हैं उतने हैं नहीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि मनीष खंडूरी के अब बीजेपी में जाने की चर्चा है अगर ऐसा होता है तो इसका संदेश साफ है कि वो बिना सत्ता के रह नहीं सकते इसीलिए कांग्रेस छोड़ दी। धीरेंद्र मनीष खंडूरी को नसीहत देते हुए कहा कि धीरेंद्र प्रताप जैसे कार्यकर्ता पिछले 45 सालों से राजनीतिक जीवन में है और उन्हें आज तक ग्राम प्रधान ताक का टिकट पार्टी ने नहीं दिया तो इससे हमारी कोई पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता खत्म नहीं होती। धीरेंद्र प्रताप ने बीजेपी के लिए भी कहा कि अगर वो मनीष खंडूरी को अपनी पार्टी में शामिल करते हैं तो उन्हें ये जरूर ध्यान रखना होगा कि वो एक अवसरवादी नेता को ज्वाइन करा रहे हैं।
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