देहरादून
उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री करन माहरा ने श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि षड़यंत्रकारी कांग्रेस नेता नहीं भाजपा नेता हैं क्योंकि उन्हें षड़यंत्र करने का मंत्र आजादी के समय से मिला हुआ है। आजादी के समय उन्होंने आजादी के नायकों के खिलाफ षड़यंत्र किया और आज उसी षड़यंत्र के बल पर देश की सत्ता पर काबिज होकर पूरी दुनियां के हिन्दुओं की आस्था के सबसे बड़े केन्द्र भगवान श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर को भी षड़यंत्र का केन्द्र बना रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पूर्व में श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष रहे कांग्रेस विधायक एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पर झूठे एवं मनगढंत आरोप लगाने वाले आज खुद अपने बुने जाल मे फंसते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल सत्ता पर काबिज होने के लिए करोड़ों-करोड़ हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ कर सकती है उसे किसी की धार्मिक आस्था से काई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब-जब भी भाजपा की सरकारों का भ्रष्टाचार उजागर होता है तब-तब वे देश की जनता की धार्मिक आस्थाओं का सहारा लेते हैं देश का धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की चेष्टा करते हैं। परन्तु आज हिन्दुओं की आस्था के सबसे बड़े केन्द्र का भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है जिसमें भाजपा ने न केवल भ्रष्टाचार किया बल्कि श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ भगवान को भी अपने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है।
करन माहरा ने भाजपा से सवाल किया है कि दान में मिला 230 कुन्तल सोना 23 किलो में कैसे बदल गया? जिस 23 किलो सोने को दिखाया जा रहा है उसके स्टाॅक का मापन किस विधि से किया गया? उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए जिससे भगवान के मंदिर में भ्रष्टाचार करने वालों का पर्दाफाश हो सके।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी पूछा कि क्या आम आदमी के लिए श्रीबद्रीनाथ-केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह में फोटो शूट करना मना है? क्या मन्दिर समिति के अध्यक्ष तथा भाजपा नेताओं ने कभी मन्दिर के गर्भगृह में फोटो शूट नहीं किया? क्या देश के प्रधानमंत्री ने गर्भगृह में फोटो शूट नहीं किया? यदि फोटो शूट किया तो क्या भाजपा के नेता देश के आम आदमी से अलग हैं या हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र उनकी निजी सम्पत्ति है जिसका वे जब चाहे अपने वोट की राजनीति के लिए उपयोग कर सकते हैं? उन्होंने पूछा कि मन्दिर समिति के नाम पर दान एकत्र करने के लिए क्यू.आर. कोड (खाता नम्बर) जारी किया गया था जिसका मन्दिर समिति द्वारा बाद में खण्डन किया गया तथा इसकी जांच की गई परन्तु जांच में क्या सामने आया य ह किसी को नहीं पता क्योंकि इसमें भी भाजपा के षड़यंत्रकारी लोगों का ही हाथ हो सकता है। इस क्यू.आर. कोड़ की जांच सबके सामने लाई जानी चाहिए।
करन माहरा ने कहा कि बीजेपी ने बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति को भी अपने भ्रष्टाचार और पापों का अड्डा बना दिया है परन्तु लोगों की आस्था की आड में भ्रष्टाचार की खुली छूट नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकार है यदि अनैतिक काम हो रहे हैं तो उसे कार्रवाई से किसने रोका है? भ्रष्टाचार को कौन संरक्षण दे रहा है।
करन माहरा ने कहा कि अब देश की जनता जान चुकी है कि भाजपा ने सत्ता में बैठकर केवल लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया है देश के आम आदमी के दुःख दर्द और धार्मिक आस्था से उसका दूर-दूर तक का सरोकार नही है। देश की जनता ने कर्नाटक प्रदेश से एक संदेश देने का काम किया है कि अब भाजपा की बांटो और राज करो की नीति आगे नहीं चलने वाली है।
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