लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड कांग्रेस के खेमे में खलबली मची है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई विधायक भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने की तैयारी कर रहे हैं। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि कुछ विधायकों ने बीजेपी की लीडरशिप के साथ अप्रोच भी किया है। चर्चा है कि एक राउंड की बातचीत हो भी चुकी है।
फिलहाल उत्तराखंड बीजेपी अपना रुख साफ नहीं कर पाई है। अटकलें इस बात को लेकर लगाई जा रही है कि प्रदेश नेतृत्व फिलहाल दिल्ली दरबार की तरफ देख रहा है। मतलब जब तक दिल्ली से हरी झंडी नहीं मिलेगी तब तक उत्तराखंड में विपक्ष के विधायकों को लिया जाए या ना लिया जाए यह फैसला नहीं होगा ।
कांग्रेस को कभी भी लग सकता है झटका
सूत्रों का यहां तक दावा है कि कांग्रेस के 10 विधायक हैं जो सिर्फ इशारा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। मतलब साफ है कि जैसे ही बीजेपी आला कमान से हरी झंडी मिलेगी वैसे ही कांग्रेस को उत्तराखंड में एक बार फिर बड़ा झटका लगेगा। अगर 10 विधायक पार्टी छोड़ते हैं तो फिर कांग्रेस एक बार फिर बेहद कमजोर स्थिति में उत्तराखंड में आ जाएगी कांग्रेस के लिए अपने आप को बचाए रखना, अपना अस्तित्व बचाए रखना और जनता के बीच भरोसा कायम रखना बड़ी चुनौती होगी। सूत्रों के मुताबिक जिन 10 विधायकों की बीजेपी में बातचीत चल रही है या इससे पहले उन्होंने अप्रोच बीजेपी को किया है उनमें कुछ मैदानी जिलों से भी हैं और कुछ पहाड़ी जिलों से भी हैं। इससे ये साफ है की उत्तराखंड की सियासत में कांग्रेस बहुत संकट के दौर से एक बार फिर गुजरने वाली है।
अभी ये मालूम नहीं कि बीजेपी इन सभी विधायकों को अपने साथ लेगी या नहीं लगी क्योंकि भाजपा पहले ही बहुमत में है उत्तराखंड में, ऐसे में बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व क्या फैसला लेगा इसी पर निगाहें टिकी हैं। महेंद्र भट्ट ये जरूर कह रहे हैं कि जो भी आना चाहे बीजेपी उसका स्वागत करेगी अब इन परिस्थितियों में इस बात को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या कांग्रेस को अपने विधायकों के बारे में कोई खबर है? क्या कांग्रेस इन विधायकों को रोकने के लिए या उनका मन बदलने के लिए कोई बातचीत कर रही है? या फिर कांग्रेस ने खुद को अपने हाल पर छोड़ दिया है।
लंबे अर्से से दलबदल की कोशिश
सूत्रों का यह दावा है कांग्रेस के तो विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं वो 2022 से ही इन कोशिशें में लगे हुए हैं। यानी जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए उसके बाद अलग-अलग मौकों पर कई विधायकों ने बीजेपी के नेतृत्व के साथ संपर्क साधा है। कुछ विधायक तो ऐसे भी हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का ऑफर भी किया था, फिलहाल परिस्थितियों तेजी से बदल रही है लोकसभा का चुनाव नजदीक है और कांग्रेस के विधायकों को लग रहा है कि इस मौके पर पाला बदल लिया जाए तो शायद उनका भविष्य भी सुरक्षित हो सकता है। हालांकि उत्तराखंड कांग्रेस विधायकों के जाने की खबरों को जानकारी रही है लेकिन जिस तरीके से बीजेपी बार-बार यह दावा कर रही है की कई नेता कई विधायक उनके संपर्क में हैं उससे यह साफ होता है की उत्तराखंड में राजनीतिक तौर पर सियासी भूचाल कभी भी आ सकता है कांग्रेस के 10 विधायक कौन हैं किस-किस विधानसभा सीट से हैं इसके भी जानकारी पुख्ता है लेकिन सूत्र इस बात को बता रहे हैं कि जब तक दिल्ली हाई कमान हामी नहीं भर देता तब तक किसी भी विधायक की पार्टी में एंट्री नहीं होगी। अब कांग्रेस में जो विधायक नाराज बताई जा रहे हैं या फिर उनको बीजेपी में अपना भविष्य दिख रहा है उनकी संख्या बढ़ाने की भी संभावना है और अगर ऐसा हुआ विधायकों की संख्या जो टूटने वाले हैं उनके 10 या 12 भी हो सकती है। फिलहाल अटकलें और क्या लगाए जा रहे हैं उत्तराखंड बीजेपी का नेतृत्व भी दिल्ली के इशारे के इंतजार में है । जैसे ही दिल्ली से हरी झंडी मिलेगी या दिल्ली से कहा जाएगा कि विधायकों को शामिल कर सकते हैं तब उत्तराखंड की सियासत में बड़ी उठापटक तय है।

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