पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलों में एक बार फिर इजाफा हुआ है। सरकार ने 2017 से 2022 के बीच साइकिल खरीद में हुई धांधली की जांच फिर से कराने का फैसला किया है। इससे जुड़ी फाइल रिओपन की गई है और जांच का जिम्मा गढ़वाल कमिश्नर और कुमाऊं कमिश्नर को सौंपा गया है।
क्या हैं हरक पर आरोप?
कर्मकार कल्याण बोर्ड में साइकिल खरीदने में गड़बड़ी का आरोप है। आरोपों के मुताबिक हरक सिंह रावत के श्रम मंत्री रहते हुए करीब 20 करोड़ रुपये की साइकिल खरीदी गई। जिसमें भारी वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है। इसके अलावा साइकिल ऐसे लोगों को बांटने का भी आरोप है जो पात्र नहीं थे। इसकी जांच डीएम स्तर पर पहले शुरू की गई थी, बाद में फाइल क्लोज कर दी गई मगर अब फिर से जांच का आदेश हुआ है। इससे पहले पाखरो सफारी केस में हरक के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है। मतलब भ्रष्टाचार के मामले में हरक को चौतरफा संकट का सामना करना पड़ रहा है।
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