मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में जायजा लिया। उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा को अपनी शीर्ष प्राथमिकता पर रखा जाए। मुख्य सचिव ने बुधवार से शुरू हो रही गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी को शुभकामनाएं दी।
मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्गों में आवश्यक सेवाओं जैसे सब्जी, राशन और गैस आदि की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या के लिए कमिश्नर और आईजी सिंगल कॉन्टैक्ट पॉइन्ट होंगे।
उन्होंने कहा कि जहां पर श्रद्धालु वाहनों से उतरते हैं, वहां पर स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के लिए रिकॉर्डेड जागरूकता संदेश लगातार चलाया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग स्वास्थ्य परीक्षण कराएं।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते यात्रा मार्ग पर शौचालय, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है।
चारधाम यात्रा के लिए तैयार उत्तरकाशी जिला प्रशासन
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों को इस बार, पार्किंग से लेकर साफ सफाई की शानदार व्यवस्था देखने को मिलेगी। इस बार आठ स्थानों पर स्मार्ट टॉयलेट काम्पलेक्स के साथ ही कई जगह पार्किंग सुविधा विकसित की गई है। यात्रा प्रारंभ होने से एक दिन पहले जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि यात्री सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते यात्रा मार्ग पर शौचालय, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर खरसाली, जानकीचट्टी, बड़कोट और नौगांव सहित कई प्रमुख स्थानों पर पार्किंग सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। वहीं गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हीना में सर्फेस पार्किंग, उत्तरकाशी मुख्यालय में मल्टी स्टोरी पार्किंग, गंगोत्री में मल्टी स्टोरी पार्किंग एवं रामलीला मैदान, जोशियाड़ा और बंदरकोट जैसे क्षेत्रों में सर्फेस पार्किंग स्थलों का विस्तार किया गया है।
यात्रा मार्ग पर सेवा देंगे 43 सौ से अधिक घोड़ा- खच्चर संचालक
गंगोत्री ओर यमुनोत्री जी के कपाट खुलने के साथ ही बुधवार से पवित्र चारधाम यात्रा, शुरु होने जा रही है। केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर इस बार 4300 से अधिक घोड़े खच्चर संचालक अपनी सेवा देंगे।
केदारनाथ – पांच हजार का पंजीकरण
केदारनाथ धाम जाने के लिए तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड से करीब 18 किमी लंबा पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। इस कारण बड़ी संख्या में यात्री घोड़े- खच्चरों की सेवा लेते हैं। इस बार केदारनाथ धाम के लिए अब तक 2493 संचालकों ने पांच हजार से अधिक घोड़े खच्चरों का पंजीकरण करवा लिया है। पशुपालन विभाग ने स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर घोड़े खच्चरों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए हैं। विभाग की ओर से सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचौली और केदारनाथ में पशु चिकित्सालय बनाए जाने के साथ ही पांच डॉक्टर और सात पैरावेट भी नियुक्त किए गए हैं, पैदल मार्ग के 13 जगहों पर गरमपानी की भी व्यवस्था की गई है।
यमुनोत्री – 3700 पंजीकरण
यमुनोत्री धाम के लिए 3700 से अधिक घोड़े खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। यमुनोत्री यात्रा में इस्तेमाल होने वाले घोड़े खच्चरों की जांच, टीकाकरण, चिकित्सकीय सहायता एवं उपचार की व्यवस्था के लिए जानकीचट्टी में अस्थाई पशु चिकित्सालय की स्थापना की गई है। जहां चार पशु चिकित्सकों के साथ ही चार पशुधन प्रसार अधिकारी एवं दो पशुधन सहायकों को तैनात किया गया है। यात्रा मार्ग पर कुल छह गीजर स्थापित किए गए हैं।
प्री पेड काउंटर से बुकिंग
केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, लिंचौली और रुद्र प्वाइंट में पांच प्री पेड बुकिंग काउंटर बनाए गए हैं। इसी तरह यमुनोत्री के लिए जानकीचट्टी में जिला पंचायत के द्वारा प्रीपेड काउंटर स्थापित किया गया है। यमुनोत्री के लिए घोडे – खच्चर संचालकों को नंबर युक्त जैकेट प्रदान की जा रही है और एक दिन में केवल एक ही बार धाम तक आवागमन की अनुमति होगी। यात्रा, सुखद और आरामदायक हो, इसके लिए सड़क परिवहन से लेकर हेली और घोड़े खच्चरों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पशुपालन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, पूरी तरह स्वस्थ घोड़े खच्चरों को ही यात्रा में भेजा जाए। साथ ही यात्रा मार्ग पर भी घोड़े खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
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