11 November 2025

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मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को दिए अगले 5 साल की कार्य योजना बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को दिए अगले 5 साल की कार्य योजना बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तरखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड की समीक्षा की। इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यूपीसीएल की अगली बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य-योजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को अगले 3 से 5 वर्षों की कार्ययोजना भी प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कारपोरेशन के विभिन्न प्रकार के कार्यों में आधुनिकतम तकनीक एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जाए। इससे दक्षता बढ़ेगी एवं विभिन्न प्रकार की होने वाली क्षतियों को कम किया जा सकेगा।

मुख्य सचिव ने खराब हो चुके ट्रांसफॉर्मर को बदलने के रिस्पाँस टाईम को लगातार कम करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 पर बिजली के खम्भे टूटे होने अथवा टेढ़े होने के साथ ही लटकी तारों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में झुके हुए विद्युत खम्भों एवं लटकी तारों के लिए मिशन मोड पर तत्काल सर्वे कराते हुए दुरूस्त किया जाए।

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मुख्य सचिव ने कहा कि संचालन एवं रख-रखाव व्यय को कम करने की आवश्यकता है। इसके लिए थर्ड पार्टी विश्लेषकों द्वारा विश्लेषण कराया जाए। उन्होंने कारपोरेशन द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को घटाने हेतु लगातार सुधार कार्य करने की बात भी कही। उन्होंने एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) को भी लगातार कम करने पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत के लिए बैटरी स्टोरेज सहित अन्य विकल्पों पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि थ्री फेज एचटीसीटी एवं थ्री फेज एलटीसीटी कनेक्शनों के साथ ही फीडर और डीटी मीटर को स्मार्ट मीटर में परिवर्तित किए जाने में तेजी लाते हुए निर्धारित समय में कार्य पूर्ण किया जाए।

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एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि पिछले तीन सालों की कमर्शियल परफॉर्मेंस में उत्तराखण्ड की इनपुट एनर्जी में बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन लॉस में लगातार कमी आ रही है। बिलिंग दक्षता बढ़ने के साथ ही बिल संग्रहण में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय एवं कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखण्ड का एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और उत्तराखण्ड से बेहतर सिर्फ पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश का बेहतर है।