मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को बनबसा स्थित भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में निर्माणाधीन नेपाली सूखा बंदरगाह (ड्रायपोर्ट) तक पहुंचने वाले फोरलेन मार्ग का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने निर्माण स्थल पर अधिकारियों से परियोजना की प्रगति की जानकारी ली और निर्माण की गुणवत्ता एवं समय सीमा के अनुपालन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आवागमन की दृष्टि से और अधिक सशक्त बनाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य को तेजी, पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। बनबसा से नेपाल सीमा तक बनने वाला यह मार्ग रणनीतिक, व्यापारिक और सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस मार्ग का निर्माण कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए NHAI को 7.28 हेक्टेयर भूमि विधिवत रूप से हस्तांतरित की जा चुकी है। कुल 3.06 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन मार्ग के निर्माण हेतु प्रारंभिक रूप से ₹177 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई थी। लेकिन भौगोलिक एवं तकनीकी कारणों से अनुमानित लागत में ₹80 करोड़ की वृद्धि संभावित है, जिससे कुल बजट ₹250 करोड़ तक पहुंचने सकता है।
यह निर्माण कार्य मार्च 2023 में प्रारंभ हुआ था और पहले इसे 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य था। किंतु बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण अब यह परियोजना 2027 तक पूर्ण की जाएगी। इस मार्ग में एक फ्लाईओवर, एक बड़ा पुल और दो छोटे पुलों का निर्माण प्रस्तावित है।

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