मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा कन्ट्रोल रूम, आई०टी०पार्क, देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने धराली-हर्षिल आपदाग्रस्त क्षेत्र में हर्षिल तक सड़क मार्ग को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए मंगलवार तक सुचारु करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को 7 दिन की टाइमलाइन में तैयार करने के निर्देश दिए। इस संबंध में आठ संबंधित विभागों द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह आकलन तैयार होते ही भारत सरकार को भेजने की निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने धराली सहित राज्य के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों हेतु सरकार की ओर से दी जा रही तात्कालिक सहायता वितरण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह सहायता राशि तात्कालिक रूप से प्रभावितों को प्रदान की जा रही है, इस संबंध में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता ना फैलाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार देवता के मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली के लोग हमारे अपने लोग हैं, उनका बेहतरीन विस्थापन किया जाएगा, इस सम्बन्ध में कोई कमी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने राहत-बचाव कार्यों में लगी सरकारी मशीनरी का उत्साहवर्धन करने की अपील कर इसमें जन सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में सभी को भ्रामक एवं नकारात्मक प्रचार से बचना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को धराली आपदा में 108 बेघर हुए परिवारों से निरंतर सम्पर्क एवं संवाद बनाते हुए तात्कालिक रूप से उनके रहने, भोजन दवाइयों एवं आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराने के लिए बेहतरीन व्यवस्थाए करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि धराली आपदा ग्रस्त क्षेत्र के चैनेलाइजेशन के लिए सोमवार की सुबह ही आईआईटी रुड़की, सी.एस.आर.ई एवं अन्य विशेषज्ञ एजेंसीयों के जियोलॉजिस्ट की एक टीम तत्काल रवाना की जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से ग्राम प्रधान सहित धराली के आपदा प्रभावितो से बात की। धराली ग्राम प्रधान तथा अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के स्वयं तीन दिन तक धराली में उनके साथ बने रहने, उनका हौसला बनाए रखने, आपदा आकलन हेतु तत्काल त्रिस्तरीय समिति बनाने, मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तुरंत आरंभ करने एवं प्रशासन द्वारा प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया।
धराली व पौड़ी आपदा के राहत एवं बचाव कार्यों में निरंतर लगे सभी सरकारी अधिकारियों एवं कार्मिकों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के दौरान भी अपने घरों से दूर रहते हुए धराली एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर पूरे मनोयोग से कार्य करते हुए सभी अधिकारियों एवं कार्मिक, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, विभिन्न एजेंसियों एवं सेना के जवानों ने जो हिम्मत दिखाई है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पौड़ी से भी आपदा रावत बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। जिलाधिकारी पौड़ी श्रीमती स्वाति भदौरिया ने बताया कि पौड़ी के 338 गांव आपदा प्रभावित हैं। आपदा प्रभावित सैंजी गांव के क्षतिग्रस्त घरों का आकलन कर दिया गया है। अभी तक प्रभावितों को ₹50.86 लाख का मुआवजा वितरण कर दिया गया है। जनपद में राहत कार्य मिशन मोड पर संचालित किया जा रहे हैं।
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