उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सुबह सुबह नैनीताल की माल रोड पर घूमने लगे।
सीएम ने सादगी दिखाने की कोशिश की। इस दौरान सीएम लोगों से मिले, उनसे बात की,
उनका हाल जाना, कुछ लोगों से सरकार के काम काज का फीड बैक लिया, कुछ लोगों की समस्याएं सुनीं और हर बार की तरह समाधान का भरोसा भी दिया।
सीएम ने चाय भी बनाई
सुबह की सैर के दौरान ही धामी चाय के एक ठेले पर पहुंचे और खुद ही चाय भी बनाई। धामी ने वहां मौजूद लोगों से बात भी की और उन्हें भी चाय पिलाई।
धामी का ये अंदाज पहले भी देखने को मिलता रहा है लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या इससे, समस्याओं का समाधान हो पाता है?
क्रिकेट में आजमाना लगे हाथ
धामी ने नैनीताल में ही क्रिकेट खेल रहे बच्चों के साथ ही थोड़ा वक्त बिताया और कुछ देर बल्लेबाजी भी की।
इस दौरान धामी ने खेलों को बढ़ावा देने की बात तो कहु लेकिन उत्तराखंड के खिलाड़ी दूसरे राज्यों से खेलने को क्यों मजबूर हैं इसका सीधा सीधा जवाब धामी के पास भी नहीं था। सवाल यही है कि सिर्फ दावों से ही कब तक सरकार काम चलाती रहेगी?
जमीनी हकीकत क्या है?
धामी ने बातें भी की, लोगों की बातें भी सुनीं, लेकिन सच्चाई यही है कि सरकार जो कह रही है और दिखा रही है वैसा हो नहीं रहा। सीएम धामी ने कल शाम ही अपनी आंखों से देखा कि कैसे अधिकारी सिर्फ हवा में काम कर रहे हैं।
सीएम की मीटिंग में भी अफसरों को कुछ पता नहीं था, सरकार की क्या योजना है, क्या काम हुए हैं, क्या होने हैं, धामी ने जब बैठक में जानकारी चाही तो सब हवाई हो गया। इसीलिए सीएम को कहना पड़ा अधिकारी होमवर्क करके आएं, फिंगर टिप्स पर योजनाओं के नाम रखें।
अब बड़ा सवाल यही है कि जब मुख्यमंत्री के सामने ही अफसर लापरवाह बने हुए हैं, काम कारकों गंभीरता से नहीं ले रहे तो आम जनता का क्या हाल होता होगा? इसीलिए अब सडकों पर घूमने से ज्यादा संजीदगी काम को लेकर दिखाने की है।









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