उत्तराखंड सरकार में काबिना मंत्री गणेश जोशी पर चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले में उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने उत्तराखंड सरकार पर तीखा प्रहार किया है।
दसौनी ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए विजिलेंस विभाग को हरी झंडी का इंतजार है और अब मात्र 24 घंटे का समय रह गया है, 3 महीने पहले कोर्ट ने विजिलेंस विभाग को गणेश जोशी पर आय अधिक संपत्ति जेसे गंभीर मामले में जांच के आदेश दिए थे , विजिलेंस विभाग ने इस बाबत 3 महीने पहले उत्तराखंड सरकार और शासन को पत्र लिखकर मंत्री पर जांच की अनुमति मांगी थी जिसकी अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है।
दसौनी ने कहा की 19 अक्टूबर को विजिलेंस कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई होनी तय है परंतु उससे पहले पूरे प्रदेश की निगाहें धामी कैबिनेट पर टिकी हुई है। गरिमा ने कहा कि 3 महीने का समय एक लंबी अवधि होता है और अपेक्षा की जाती है की डबल इंजन और प्रचंड बहुमत की सरकार में निर्णायक क्षमता की कमी नहीं होगी और गणेश जोशी प्रकरण में भी निर्णय लिया जा चुका होगा।
दसौनी ने कहा कि अव्वल तो गणेश जोशी को ही नैतिकता के आधार पर इस प्रकरण के उजागर होने पर त्यागपत्र दे देना चाहिए था परंतु भाजपा संगठन और सरकार द्वारा जिस तरह से इस मामले में उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है इससे यही साबित होता है की पुलिस, विजिलेंस और एजेंसीज सिर्फ विपक्ष और आम जनता पर चोट करने के लिए है? सत्तारूढ़ दल के नेताओं के लिए धामी सरकार के मापदंड दोहरे हैं? गरिमा ने कहा कि अगले 24 घंटे में भी यदि धामी केबिनेट निर्णय नहीं देती है तो यह माना और समझा जाएगा की उत्तराखंड सरकार के हाथी के दांत खाने के और हैं और दिखाने के और ।
दसौनी ने कहा कि सरकार को उत्तराखंड की जनता को बताना होगा कि वह सही के साथ खड़ी है या गलत के साथ। गरिमा ने कहा इससे यह भी साफ हो जाएगा कि राजनीतिक सुचिता, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, जीरो टॉलरेंस और पार्टी विद द डिफरेंस भाजपा की नीति है या मात्र जुमले है?
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