उत्तराखंड की प्रथम निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड के एक मात्र विकास पुरुष रहे जिन्होंने नवोदित राज्य की एक मजबूत आधारशिला रखी और पांच वर्ष के कार्यकाल में वो सब कर दिखाया जो बाकी के बीस वर्षों में दस मुख्यमंत्री मिल कर भी नहीं कर पाए यह उद्गार आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में स्वर्गीय एन डी तिवारी की जन्म व निर्वाण जयंती पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कही।
धस्माना ने कहा कि वे राज्य के प्रथम निर्वाचित सरकार के मुख्यमंत्री थे और नए राज्य में प्रशासनिक आर्थिक ढांचागत सुविधाओं समेत अनेक चुनौतियां थीं। राज्य में तराई के इलाकों में उत्तराखंड से अलग उत्तरप्रदेश के साथ रहने का आंदोलन हरिद्वार व उधमसिंह नगर में था। श्री धस्माना ने कहा कि इन चुनौतियों के अलावा श्री तिवारी के सामने कांग्रेस के भीतर भी कुछ चुनौतियां थीं किंतु अपने व्यापक राजनैतिक व प्रशासनिक अनुभवों का सदुपयोग करते हुए उन्होंने सभी चुनौतियों का बहुत सौम्यता से सामना ही नहीं किया बल्कि उन चुनौतियों को ही समाप्त कर दिया समाधान खोज कर। श्री धस्माना ने कहा कि राज्य के गोरखाली समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करवाने का निर्णय श्री तिवारी जी ने उनके (श्री धस्माना के) आग्रह पर किया था, कहा कि उत्तराखंड राज्य हमेशा श्री तिवारी के महान योगदान को याद रखेगा।
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री जगदीश धीमान, प्रदेश कांग्रेस श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल, प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के मीडिया सलाकार सरदार अमरजीत सिंह, सावित्री थापा, अनुराधा, विकास भारद्वाज , विपुल नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

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