17 September 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस का सरकार पर निशाना, उठाया बड़ा सवाल

महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस का सरकार पर निशाना, उठाया बड़ा सवाल

महिला आरक्षण बिल लोकसभा में आज पेश किया गया, कल इस पर चर्चा होनी है। सरकार को भरोसा है कि बिल सर्वसम्मति से पास भी हो जाएगा। वहीं कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है और कई सवाल उठाए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि आधी आबादी को उसका हक दिलाने के लिए और राजनीति में महिलाओं को अग्रणी स्थान दिलाने के लिए स्वर्गीय राजीव गांधी ने इसकी शुरुआत की थी। दसौनी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिलाओं की सार्थक भागीदारी और साझी जिम्मेदारी का महत्व समझती है। इसलिए कांग्रेस के लिए महिला सशक्तिकरण महज कोई चुनावी शब्द नहीं, एक दृढ़ निश्चय रहा है।

महिलाओं की भागीदारी में कांग्रेस को रोल

दसौनी ने कहा की पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने 1989 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। ये विधेयक लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में पास न हो सका। फिर 1993 में प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव जी ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। नतीजा, आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। आधी आबादी की इस बेहतरीन भागीदारी ने महिला सशक्तिकरण से जुड़े हमारे आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया। इसलिए महिलाओं के लिए संसद और विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए।ये विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ, लेकिन लोकसभा में न जा सका। दसौनी ने बताया की राज्यसभा में पारित हुए विधेयक समाप्त नहीं होते, इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी एक्टिव है।

See also  सीएम धामी ने इस कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

बीजेपी सरकार की नीयत में खोट- दसौनी

दसौनी ने कहा की पिछले 9 साल से महिला आरक्षण का यह विधेयक लोकसभा में पास होने की राह देख रहा है, लेकिन महिला विरोधी मानसिकता से ग्रसित मोदी सरकार इसे अनदेखा कर रही है।दसौनी ने जानकारी देते हुए कहा की कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और CPP चेयरपर्सन  सोनिया गांधी कई बार महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिख चुकी हैं। साथ ही पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी भी इस विषय पर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। हाल ही में हुई CWC की बैठक में भी महिला आरक्षण को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसलिए देश की करोड़ों महिलाओं की तरफ से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि राज्यसभा से पारित हो चुके महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से भी पारित किया जाए।

See also  भारी बारिश का अलर्ट , देहरादून में बंद रहेंगे स्कूल

देश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिया जाए

दसौनी ने बताया की विधेयक पर वैसे तो विपक्ष सरकार के साथ है, लेकिन बिल में कई हैं कामियां भी हैं।दसौनी ने बिल को जुमला बताते हुए कहा कि ये देश की करोड़ों महिलाओं की उम्मीदें के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। दसौनी ने इसे देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात बताया है. दसौनी ने कहा की मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है. भारत G20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है. अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी, उसके उपरांत ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। ये जनगणना कब होगी??कुछ पता नही

See also  सीएम धामी ने देहरादून के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

दसौनी ने कहा कि विधेयक में ये भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा. क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा.?? यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका क्रियान्वन बहुत बाद में हो सकता है। दसौनी ने कहां कि ये मात्र शिगूफा या सब्ज बाग हैं जो मोदी सरकार आधी आबादी को दिखा रही है।