दून विश्वविद्यालय, देहरादून के सीनेट हॉल में आज “उत्तराखंड 2035 : विरासत से विकास तक” विषय पर एक प्रेरणादायी विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए आने वाले दशक में उत्तराखंड के सतत, समावेशी और संतुलित विकास के मार्ग पर चिंतन और विमर्श करना रहा।

कार्यक्रम में भगत सिंह कोश्यारी (पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र एवं गोवा तथा पूर्व मुख्यमंत्री – उत्तराखंड) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष महत्व प्रदान किया और उन्होंने अपने अनुभवों से युवाओं को प्रेरित किया।
इस अवसर पर दीप्ति रावत भारद्वाज (प्रदेश महामंत्री, भारतीय जनता पार्टी) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “उत्तराखंड 2035 का विज़न केवल भौतिक विकास का नहीं, बल्कि एक संवेदनशील, शांतिपूर्ण और जागरूक समाज के निर्माण का प्रतीक है। जब युवा अपने भीतर सकारात्मक सोच, आत्मविश्वास और सेवा की भावना लेकर आगे बढ़ेंगे, तभी सच्चे अर्थों में विकास और विरासत का संतुलन स्थापित हो सकेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि “शांति केवल संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि सहयोग, संवाद और संवेदना की उपस्थिति है। उत्तराखंड की यह पुण्यभूमि सदैव अध्यात्म, समरसता और मानवीय मूल्यों की प्रतीक रही है। आने वाले समय में यही मूल्य हमारे समाज को नई दिशा देंगे।”
दीप्ति रावत भारद्वाज ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा को शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में लगाएँ। “नया उत्तराखंड वही होगा जहाँ युवा अपने विचारों से परिवर्तन लाएँगे, जहाँ विकास केवल शहरों तक सीमित न रहकर हर गाँव तक पहुँचेगा, और जहाँ हर व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान मिलेगा,” उन्होंने कहा।

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