उत्तराखंड में जनता की लंबित मांग और भावनाओं को देखते हुए धामी कैबिनेट की बैठक में सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। कानून को विधानसभा बजट सत्र के सदन के पटल पर रखा जाएगा। दरअसल, पिछले कुछ समय में प्रदेश में लैंड जिहाद का मुद्दा खासा गरमाया रहा है। इसको लेकर स्थानीय लोगों की ओर से बाहरी लोगों के प्रदेश में जमीन खरीद को नियंत्रित करने पर जोर दिया जा रहा था। अब धामी कैबिनेट ने इस संबंध में बड़ा फैसला ले लिया ।
उत्तराखंड में भू-कानून की मांग लंबे समय से उठ रही है और तमाम संगठन इस मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं। विधानसभा बजट सत्र शुरू होने के पहले दिन ही भू-कानून की मांग को लेकर भू-कानून संघर्ष समिति ने विधानसभा कूच किया था। लंबे समय से उठ रही इस मांग को देखते हुए आज सत्र के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी। धामी सरकार भू-कानून को और सख्त बनाने पर जोर दे रही है।
नए भू कानून के प्रमुख प्रावधान ?
-त्रिवेंद्र सरकार के 2018 के सभी प्रावधान निरस्त
-पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार द्वारा 2018 में लागू किए गए सभी प्रावधानों को नए कानून में समाप्त कर दिया गया है।
-बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध
-हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 अन्य जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।
-पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती
-पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।
-जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित
More Stories
सीएम धामी ने इस कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
नन्ही परी को इंसाफ दिलाने की मांग, महिला कांग्रेस का देहरादून में कैंडल मार्च
पिथौरागढ़ के अफसरों पर भड़के विधायक हरीश धामी, सीएम और विधानसभा अध्यक्ष से की शिकायत