उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने राज्य सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका अहंकार उन्हें ले डूबा है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा अहंकार तो रावण का नहीं रहा तो प्रेमचंद अग्रवाल की तो बिसात क्या थी ।
सत्ता के अहंकार में उन्होंने आदमी को आदमी समझना बंद कर दिया। उन्होंने उन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल को सलाह देते हुए कहा की उन्हें लंबे समय तक जंगलों में जाकर पश्चाताप करना चाहिए।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी अच्छी छवि होते हुए भी पिछले दिनों छोटी बातें कहीं । यह राजनीति में रहने वाले लोगों का बात करने का ढंग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा राज्य सरकार में उनके दो एक मित्र जो मंत्री है वह भी कई बार छोटी बातें करते हैं। मैंने उनसे कहा है कि वह अपनी बातों पर गौर करें। जनता महान है ।
नेता पानी का बुलबुला है कुछ समय के लिए वो पानी के ऊपर दिखाई देते हैं लेकिन जल्द ही ये बुलबुला पानी में ही समा जाते है। प्रेमचंद अग्रवाल भी पानी में समा गए हैं। हमें ताकत मिलने पर फलदार वृक्षों की तरह झुकना चाहिए यही हमारी प्रेरणा रही है।
उन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफा को उत्तराखंड की जनता की जीत बताया। परंतु इस्तीफा देने के बाद भी अपने गैर जिम्मेदाराना वक्तव्यों के लिए उनके द्वारा माफी ना मांगने पर धीरेंद्र प्रताप ने अफसोस जताया।
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