जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई। जिसमें गंगा नदी की सभी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने पर जोर दिया गया। इस दौरान सीवरेज उपचार, नदी सतह की सफाई, वनरोपण, अपशिष्ट निगरानी, नदी तट विकास, जैव विविधता और जागरूकता विषयों पर गहनता से चर्चा की गई। विगत चार महीनों में एसटीपी के अंतिम आउटलेट से निकाले गए उपचारित अपशिष्टों के नमूनों में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा 1600 से घटकर 300 तक आने पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के कार्यों की सराहना की। साथ ही कहा कि सभी एसटीपी में अपशिष्ट जल का इष्टतम उपचार पर विशेष फोकस रखा जाए।
जिलाधिकारी ने नगर निकायों में डोर-टू-डोर कूडा कलेक्शन व सोर्स सेग्रीगेशन पर विशेष ध्यान देने और एंटी लिटरिंग एक्ट का उल्लंघन करने वालों का चालान करने के निर्देश दिए। कहा पालिका क्षेत्रों से बहने वाले छोटे-बड़े सभी नालों में जाली लगाकर प्लास्टिक वेस्ट को नदी में जाने से रोका जाए। अस्पतालों से निकलने वाले वायो मेडिकल वेस्ट का उचित निस्तारण किया जाए। जनपद में संचालित 20 से अधिक कमरे वाले होटलों में अनिवार्य रूप से एसटीपी लगवाया जाए। कर्णप्रयाग संगम पर नियमित रूप से गंगा आरती का आयोजन कराया जाए।

More Stories
कर्नल रामरतन नेगी ने लैंसडौन विधानसभा से पेश की दावेदारी, शुरू किया जनसंपर्क
प्रीतम सिंह को चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष बनाए जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जताई खुशी, 2027 में दमदार जीत का किया दावा
वर्ल्ड चैंपियन स्नेह राणा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से मुलाकात की