जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने आज पशुपालन, मत्स्य व डेयरी विकास विभाग की ओर से संचालित योजनाओं की समीक्षा की। जिसमें क्लस्टर आधारित तालाब निर्माण, मत्स्य आहार वितरण, डेयरी विकास के अन्तर्गत एनसीडीसी योजना, दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना, महिला डेयरी योजना, गौ पालन योजना तथा महिला बकरी पालन योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को हैचरी के प्रस्ताव बनाने, डेयरी विभाग को एनसीडीसी योजना में प्रस्ताव बनाने व डीएसटीओ को विभागों की बुकलेट तैयार करने के निर्देश दिए। वहीं सहायक निदेशक मत्स्य को विभागीय योजनाओं की जानकारी न होने पर नाराजगी जताते हुए, अगली बैठक में पूर्ण तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने डेयरी विभाग को जनपद में चारा की खरीद करने वाले लाभार्थियों सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर चारा की मांग ज्यादा है तो उसकी व्यवस्था भी जिला योजना से की जाएगी।
बैठक में बताया गया कि मत्स्य आहार वितरण योजना के अन्तर्गत मत्स्य पालकों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। डेयरी विकास द्वारा संचालित एनसीडीसी योजना में एक यूनिट में दो उन्नत नस्ल की गायों के लिए सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत सब्सिडी तथा एससी,एसटी व महिला को 70 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के तहत 08 एसएनएफ से अधिक गुणवत्ता वाले उत्पादकों को 4 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। पशुपालन विभाग द्वारा बकरी व भेड़ पालन योजना एक यूनिट (10 प्लस एक) में 90 प्रतिशत सब्सिडी व महिला बकरी पालन योजना के अन्तर्गत विधवा व निराश्रित, तलाकशुदा महिला को शत प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
बैठक में परियोजना निदेशक आनंद सिंह, प्रभारी सीवीओ डॉ पुनीत भट्ट सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
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