दिल्ली में निर्माणाधीन केदारनाथ मंदिर को लेकर उपजे विवाद के बीच उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रुख साफ किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं बल्कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है और इस मंदिर के निर्माण में उत्तराखंड सरकार का कोई योगदान नहीं है। इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से किए जा रहे विरोध पर भी तंज कसा है और हरीश रावत के बहाने कांग्रेस नेताओं को घेरने की कोशिश की है।
हरीश रावत ने किया बदरीनाथ मंदिर का शिलान्यास- भट्ट
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2015 में मुंबई में भगवान बद्रीनाथ जी के मंदिर का निर्माण किया गया, जिसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथों हुआ था। तब कांग्रेस नेता चुप क्यों थे। महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के विरोध को बेतुका करार दिया है। भट्ट ने कहा कि देश के तमाम प्रसिद्ध धामों के मंदिरों का स्थानीय निवासियों ने अपनी श्रद्धा, आस्था के अनुरूप देश के विभिन्न स्थानों पर निर्माण कराया है। उदाहरण के तौर पर जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो माता का मुख्य दरबार वहीं है लेकिन उत्तर भारत में लोगों ने कई स्थानों पर वैष्णो माता मंदिर का निर्माण कराया है। इधर, दक्षिण के कई मंदिर जिनमें श्री तिरुपति बालाजी सरीखे मंदिरों का भी लोगों ने अपने क्षेत्र में अपनी आस्था अनुसार निर्माण कराया है।
दिल्ली केदारनाथ मंदिर को सरकार का सहयोग नहीं- भट्ट
उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि दिल्ली में जो केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, वह एक निजी ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। उस ट्रस्ट का नाम भी श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं बल्कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मंदिर में उत्तराखंड सरकार का कोई योगदान नहीं है। चूंकि उक्त ट्रस्ट द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समारोह में सम्मान पूर्वक बुलाया गया तो वे वहां चले गए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से वर्ष 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत ने भी मुम्बई में श्री बद्रीनाथ मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया था। भट्ट ने कहा कि दिल्ली में मंदिर बनवा रहे लोग उत्तराखंड के निवासी हैं और परंपरा को आगे बढ़ाने सहित ट्रस्ट द्वारा और भी कई सामाजिक व धार्मिक कार्य समय समय पर किये जाते हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और सीएम धामी के नेतृत्व में चारधाम मार्ग पर अभूतपूर्व अवस्थापनात्मक विकास कार्य हुए हैं। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़े हैं। केदारपुरी और बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान के तहत विकास किया जा रहा है। केदारनाथ के लिए रोप वे बनने के बाद श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधा हो जायेगी। इससे इनकी संख्या और बढ़ेगी।
कांग्रेस के सामने चुनौती
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाए जाने को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है। सीएम धामी और बीजेपी सरकार पर कांग्रेस नेता मोर्चा खोले हुए हैं। मगर अब बीजेपी ने हरीश रावत का 2015 वाला शिलान्यास याद दिलाकर खुद का बचाव करने की कोशिश की है। अब कांग्रेस की चुनौती ये है कि वो मुंबई में बदरीनाथ मंदिर और हरीश रावत के हाथों हुए शिलान्यास का क्या जवाब देगी? खुद हरीश रावत इस पर क्या कहेंगे ये भी काफी दिलचस्प होगा। फिलहाल हरीश रावत एक बार फिर बीजेपी के घेरे हैं आगे ये मुद्दा किस दिशा में जाएगा इसे लेकर दिलचस्पी बनी हुई है।
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