पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जम्मू कश्मीर में शहीद हुए उत्तराखंड के कैप्टन दीपक सिंह को श्रद्धांजलि दी। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। हरीश रावत ने कहा अभी मैं #शहीद_कैप्टन_दीपक_सिंह जो कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करते हुए शहीद हुए हैं, उनकी अंतिम यात्रा में सम्मिलित हुआ। वो मेरे घर के रिश्ते के लोग हैं, मन बहुत आहत है। सुबह जब हमने ध्वजारोहण किया तो हमने कहा कि हम तेरे प्रत्येक सत्व की रक्षा करेंगे। उत्तराखंड, देश के लिए बलिदान देने में कभी पीछे नहीं हटा। आज भी हर चौथा-पांचवा शहीद हमारे उत्तराखंड की माटी का लाल है, हमें अपनी इस परंपरा पर गर्व है। मगर कब तक कश्मीर में इसी तरीके से हमारे बेटों का खून बहता रहेगा, यह बड़ा सवाल है!
भावुक हुए पूर्व सीएम हरीश रावत
आज जब कैप्टन दीपक अमर रहे, भारतीय सेना जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लग रहे थे। मुझे कई साल पहले का वह मंजर याद आ गया, जब कश्मीर में आतंकवाद का मुकाबला करते हुए मेरे दामाद मेजर मनोज भंडारी भी शहीद हुए थे। यही दृश्य था और जितने भारत मां के बेटे शहीद होते हैं वहां इसी तरीके का भावनात्मक उबाल जो देश प्रेम से ओतप्रोत होता है, दिखाई देता है। पाकिस्तान यह भूल जा रहा है कि उसने भारत से दुश्मनी रखकर, दुश्मनी की कितनी कीमत चुका दी है, उसके दो हिस्से हो गये और अब भी कई इलाके पाकिस्तान से अलग होना चाहते हैं, बलोच भी अलग होना चाहते हैं, पख्तून भी अलग होना चाहते हैं, जितने
पाकिस्तान को हरीश रावत की चेतावनी
आतंकवादी पाकिस्तान भारत में भेजता है उसकी अपनी धरती में भी आतंकवाद के हाथों इतना ही खून-खराबा हो रहा है, जगह-जगह बम फट रहे हैं और देश की हालात इतनी खराब है कि दुनिया में भीख मांग रहा है, फूड राइट्स हो रहे हैं पाकिस्तान के अंदर जिस पाकिस्तान में सिंध जैसी नदी बहती है, पाकिस्तान में अन्न के लिए फूड राइट्स हो रहे हैं और भारत दूसरी तरफ पूरी दुनिया को अन्न खिलाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था होने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। एक साथ आजाद हुए, आजादी की लड़ाई एक साथ लड़ी, मगर गलत सोच और विचारों के कारण पाकिस्तान बर्बाद हो रहा है और वह यह समझ रहा है कि हमारा खून बहाकर वह हमको डरा देगा! सन् 1947, 65, 71 फिर कारगिल में, फिर सियाचिन में मुंहकी खाने के बाद भी, अब भी पाकिस्तान को समझ नहीं आ रही है! यह समझ में नहीं आ रहा है कि भारत ने एक बालाकोट किया है, वह सैकड़ों बालाकोट करने में सक्षम है। मगर हम जानते हैं युद्ध और हिंसा हमारा रास्ता नहीं है, शांति और तरक्की हमारा रास्ता है। हम पाकिस्तान के तरीके से उन्माद की राजनीति नहीं करते हैं, हम प्यार और एकता की राजनीति करते हैं। एक दिन तो भारत को निर्णय करना पड़ेगा, कब तक दीपक, मनोज, चित्रेश, विभूति, प्रणय आदि शहीद होते रहेंगे? और जिस दिन भारत निर्णय कर लेगा, पाकिस्तान के इतिहास के लिए वह बड़ा ही दर्दनाक दिन होगा। इसलिए पाकिस्तान को संभलना चाहिए और आतंकवाद को बढ़ावा देने, आतंकवादी पैदा करने की रणनीति को फुलस्टॉप देना चाहिए। पाकिस्तान को सबक सिखाने के विषय में हमारे देश में कोई राजनीति नहीं है। भारत की संसद ने एक राय से प्रस्ताव किया है कि पाकिस्तान के साथ हमारा कोई मामला लंबित नहीं है, केवल एक मामला है वह है पाक अधिकृत कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर की जनता भी भारत का हिस्सा बनना चाहती है। वह जम्मू कश्मीर में शांति पैदा कर पाक अधिकृत कश्मीर के कश्मीरियों को डराना चाहता है! भारत की सरकार किसी रूप रंग की हो, मगर देश की एकता और अखंडता के लिए हम सब एकजुट हैं, एक साथ खड़े हैं।
More Stories
नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह
भीमताल बस हादसे के घायलों का सीएम ने जाना हाल, कुमाऊं कमिश्नर को दिए एक्शन लेने के निर्देश
गणतंत्र दिवस की परेड में दिखाई देगी उत्तराखंड की झांकी