उत्तराखंड में आज से बजट सत्र का आगाज हो गया है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए भविष्य का रोड मैप दिखाने की कोशिश की। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्यपाल के अभिभाषण को छलावा करार दिया है । हरीश रावत ने कहा राज्यपाल के अभिभाषण ने बहुत निराश किया है।
क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों का सामना करने के लिए उनके भाषण में कोई व्यापक रणनीति या उठाये जाने वाले कदमों का जिक्र नहीं है। क्लाइमेट चेंज हमारे राज्य के सम्मुख गंभीर चुनौती पैदा कर रही है इसका असर सामान्य जीवन के साथ-साथ और जीवन सुरक्षा पर भी पड़ रहा है। राज्य के सम्मुख एक दूसरी बड़ी चुनौती निरंतर गांवों से हो रहा बेबसी का पलायन है। गांव दर गांव भूतहा हो चुके हैं या होने जा रहे हैं। राज्य के सम्मुख असंतुलित विकास एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस दिशा में उठाये जाने वाले कदमों का अभिभाषण में कोई उल्लेख नहीं है। अर्थव्यवस्था के भारी विस्तार के दावों के बावजूद राज्य की पर कैपिटा औसत आय में वृद्धि दर बहुत कम है, साथ-साथ साधनहीन व्यक्ति और गरीब हो रहा है उसको विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए कोई रोड मैप अभी भाषण में नहीं बताया गया है। बेरोजगारों की संख्या में हो रही निरंतर वृद्धि चिंताजनक स्तर तक पहुंच चुकी है, माननीय राज्यपाल ने इस संदर्भ में कुछ भी नहीं कहा है। आपदाग्रस्त गांवों के विस्थापन पर भी अभिभाषण मौन है। राज्य में शिल्प के उन्नयन और एससी-एसटी और अत्यधिक पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए कोई भी योजना नहीं बताई गई है। अनियोजित शहरीकरण के सुधार के लिए अभिभाषण में पर्याप्त संकल्प का अभाव है। कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने के लिए भी कोई संकल्प अभिभाषण में व्यक्त नहीं किया गया है। कुल मिलाकर महामहिम का अभिभाषण राज्य के विकास की दिशा दिखाने और लोगों में अपेक्षित विश्वास पैदा करने में असफल रहा है।
More Stories
शिल्पी अरोड़ा को यहां मिली निदेशक की जिम्मेदारी
सहस्त्रधारा में हुए नुकसान को लेकर सीएम धामी ने जताया दुख
भारी बारिश का अलर्ट , देहरादून में बंद रहेंगे स्कूल