कामरेड इंद्रेश मैखुरी ने प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद सरकार पर हमला बोला है। साथ ही बीजेपी की नीयत पर सवाल उठाए हैं। मैखुरी ने कहा कि मंत्रीपद से प्रेमचंद्र अग्रवाल का इस्ती़फा, जनदबाव में देर से उठाया गया कदम है। विधानसभा के भीतर संसदीय कार्यमंत्री द्वारा असंसदीय भाषा के प्रयोग पर भाजपा के नेतृत्व को यदि तनिक भी पश्चाताप होता तो तुरंत मंत्री पर एक्शन लेते लेकिन जिस तरह लगभग आधे महीने से अधिक इस मामले को बेवजह खींचा गया उस से साफ है कि अगर जनदबाव न होता तो भाजपा को अपने मंत्री के अशोभनीय आचरण पर कोई आपत्ति नहीं थी।
उत्तराखण्ड की जनता एवं समस्त आंदोलनकारी शक्तियां इस बात के लिए बधाई की पात्र है कि उन्होने प्रचंड बहुमत के मद में चूर इस सरकार को जनता के दबाव एवं उसके प्रति उत्तरदायित्व का आभास करवाया। प्रेमचंद अग्रवाल को सिर्फ इस्तीफा दे कर बच निकलने नहीं देना चाहिए. उनकी तमाम परिसंपत्तियों की जांच होनी चाहिए , वन भूमि अवैध निर्माण एवं संरक्षित प्रजाति के वृक्षों के कटान के मामले में उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए, विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और ऋषिकेश में सड़क पर मारपीट के मामले में जो एफआईआर दर्ज हुई है उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
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