18 September 2025

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धामी सरकार के बजट को इंद्रेश मैखुरी ने बताया औपचारिकता की पोटली

धामी सरकार के बजट को इंद्रेश मैखुरी ने बताया औपचारिकता की पोटली

लेफ्ट नेता और समाज सेवी इंद्रेश मैखुरी ने उत्तराखंड की धामी सरकार के बजट को खोखला और औपचारिकता पूरी करने वाला बताया है। इंद्रेश मैखुरी ने कहा उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा पेश बजट राज्य सरकार की आर्थिक मोर्चे पर दिशाहीनता को प्रदर्शित करता है ।

वित्त मंत्री के बजट भाषण का बड़ा हिस्सा सिर्फ घटनाओं का विवरण है और इस तरह से ये बजट भाषण से अधिक रोजनामचा प्रतीत होता है। बजट को प्रधानमंत्री के नाम के संक्षिप्त रूप के खंडों में बांटना दर्शाता है कि राज्य की भाजपा सरकार, उत्तराखंड की आर्थिक दशा के बजाय प्रधानमंत्री की खुशामद के प्रति अधिक गंभीर है। मैखुरी ने ये भी कहा कि राज्य के आर्थिक साधनों का जो ब्यौरा बजट में है, उससे स्पष्ट है कि राज्य अपनी अर्थव्यवस्था चलाने के लिए केंद्र सरकार और कर्ज पर निर्भर है. ऐसी अवस्था में राज्य का स्वतंत्र विकास होना बेहद मुश्किल है। बजट में आत्मनिर्भर उत्तराखंड के लिए कृषि क्षेत्र के विकास की बात कही गयी है. लेकिन हकीकत यह है कि उत्तराखंड के बड़े हिस्से में खास तौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में लोग कृषि छोड़ने को मजबूर हैं और खेत बंजर हो रहे हैं. जंगली जानवरों और आवारा पशुओं के चलते खेती और मनुष्य जीवन, दोनों ही खतरे में है

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उद्योगों के लिए किए गए उपायों का जिक्र बजट में है. लेकिन यह बात सिरे से नदारद है कि उद्योगों के नाम पर किए जाने वाले तमाम प्रयास सिर्फ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए होते हैं. सिडकुल में तमाम उद्योगों में काम करने वाले मजदूर, बेहद खराब स्थितियों में काम करने को विवश हैं और यह उद्योगपतियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली तमाम रियायतों के बावजूद होता है.

मैखुरी ने कहा वित्त मंत्री बजट भाषण में राज्य द्वारा ग्रास एनवायरनमेंटल इंडेक्स (जीईपी) का शोशा तो छोड़ते हैं, लेकिन ये भूल जाते हैं कि एलेवेटेड रोड और सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर देहरादून समेत तमाम स्थानों पर हजारों पेड़ उनकी सरकार कटवा रही है।

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हवाई सेवाओं की लंबी चौड़ी सूची वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में गिनवाई गयी. लेकिन वो ये नहीं बता पाते कि दशकों पहले लोगों की ज़मीनों का अधिग्रहण करके बनाई गयी गौचर, चिन्यालीसौड़ और पिथौरागढ़ की हवाई पट्टियाँ वीरान क्यूँ हैं, वहाँ विमान क्यूँ नहीं चल रहे हैं ? पिथौरागढ़ की नैनीसैनी हवाई पट्टी पर तो मौसमी ढंग से कुछ दिन विमान चलते हैं और फिर बंद हो जाते हैं !

मैखुरी ने कहा प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा की हालत खराब है. जब बजट भाषण में वित्त मंत्री अपनी और अपनी सरकार की पीठ थपथपा रहे थे, उससे कुछ ही समय पहले विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के आधे से ज्यादा पद रिक्त हैं और शिक्षा के महकमे के बारे में बताया गया कि दो हज़ार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में मात्र एक शिक्षक है। कुल मिलाकर यह बजट एक सालाना औपचारिकता से अधिक कुछ भी नहीं है

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