उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने अंकिता भंडारी प्रकरण में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के बयान को BJP के प्रवक्ता के रूप में दिया गया बयान बताते हुए इसकी कडे शब्दों में निन्दा की है।
स्वतंत्र पत्रकार और जागो उत्तराखंड के संपादक आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सरकार के बचाव में पुलिस महानिदेशक के बयान को बीजेपी प्रवक्ता के रूप में दिया गया बयान बताते हुए करन माहरा ने कहा कि पत्रकार आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर पुलिस महानिदेशक का बयान सुनकर बड़ा अचंबा हुआ उनके बयान से ऐसा प्रतीत होता है जैसे राज्य के पुलिस महानिदेशक नहीं बल्कि बीजेपी प्रवक्ता बोल रहे हों।
अपराधियों को संरक्षण दे रही पुलिस- माहरा
करन माहरा ने कहा कि अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड में वीआईपी के नाम का खुलासा करने में भी पुलिस अभी तक नाकाम रही है उल्टे पुलिस द्वारा मामले को उलझाने के लिए कमरे का नाम वीआईपी बताया जा रहा है, इससे साबित हो चुका है कि राज्य की पुलिस द्वारा अपराध और अपराधियों को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि अंकिता भण्डारी द्वारा अपने वाट्सअप चैट में गेस्ट हाउस में आने वाले वीआईपी को अतिरिक्त सुविधायें देने की बात कही गई थी या वीआईपी कमरे की बात की गई थी।
सवालों का जवाब दे पुलिस- करन माहरा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के सबसे जघन्य अंकिता भंडारी हत्याकांड मे सरकार और पुलिस के संरक्षण में भाजपा नेता के रिसोर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवाकर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए। पुलिस के ट्विटर हैडल से स्वीकारोक्ति को क्यों डिलीट कर दिया गया? वर्तमान पुलिस महानिदेशक को यह भी बताना चाहिए कि तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एवं अंकिता भण्डारी के पिता के बीच दूरभाष पर हुई बातचीत को सोशल मीडिया में जानबूझ कर क्यों वायरल किया गया? उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक जैसे पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा जानबूझ कर बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल कर निजता के अधिकार का भी उलंघन किया गया। पुलिस महानिदेशक को पहले इन सवालों के जवाब देने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस ने भाजपा सरकार के दबाव में जितनी तत्परता आशुतोष नेगी को गिरफ्तार करने में दिखाई उतनी तत्परता दोषियों को पकड़ने में दिखाई होती तो पीडिता के ताता पिता को न्याय के लिए धूप-सर्दी में दर-दर भटकना नहीं पडता। करन माहरा ने यह भी कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीवीआईपी का नाम उजागर होने सहित इस हत्याकांड में एक नहीं सैकड़ों सवाल हैं जिनके पुलिस की तरफ से जवाब अनुत्तरित हैं। पुलिस महानिदेशक को भाजपा के प्रवक्ता के रूप में नहीं जनता के सेवक और संरक्षक के रूप में जवाब देने चाहिए।
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