कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा की जिला निर्वाचन अधिकारी देहरादून प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं उनके परिजनों के नाम की सूची अब सफाई देने के लिए जारी कर रहे हैं । जब कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हरीश रावत और उनकी धर्मपत्नी सीनियर सिटीजन हैं एक सीनियर सिटीजन सारे दिन मतदाता सूची में अपना नाम खोजने रहे मगर उन्हें नाम नहीं मिला तब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने तत्परता से अपनी जिम्मेदारी का पालन क्यों नहीं किया चुनाव आयोग का काम है कि मतदान से पूर्व मतदाता को मतदान की स्लिप पहुंचाये लेकिन लेकिन हरीश रावत के प्रकरण में ऐसा नहीं किया गया आखिर क्यों वह दिन भर अपना नाम मतदाता सूची में खोजते रहे इधर-उधर अधिकारियों को फोन करते रहे तब संतोष जनक तरीके से उनके नाम को क्यों नहीं खोजा?
गया अब मतदान की समय सीमा समाप्त होने के बाद नाम सार्वजनिक किए जा रहे हैं क्योंकि जिलाधिकारी देहरादून और जिला निर्वाचन अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं कर पाए इसलिए जांच और कार्रवाई से बचने के लिए सफाई दे रहे हैं लेकिन जो बड़ी चूक हुई है उसकी जिम्मेदारी किसकी है? ये भी तय होनी चाहिए इसके अलावा उन्होंने कहा अब विलंब से प्रदेश भर से मिल रही सूचनाओं के आधार पर कई क्षेत्र में जैसे धर्मपुर ,भगवानपुर विधानसभा और डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से भी ऐसी खबरें आ रही हैं बड़ी भारी मात्रा में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाए और लाइन में लगे होने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग कर उन्होंने मतदान के अधिकार से वंचित रखने का काम किया जो निंदनीय है ।
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