उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति ने शुक्रवार को देहरादून में महापंचायत बुलाई है। इसके जरिए सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि दस फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर जिस तरह से सरकार ने विधानसभा में इस बिल को लाकर भी पास न करने का फैसला किया। उससे हजारों आंदोलनकारी में नाराजगी है।
आमरण अनशन की चेतावनी
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि 15 सितंबर को देहरादून शहिद स्मारक में होने वाली महापंचायत में समिति के प्रमुख नेताओं को राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच की बैठक में भाग लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर आरक्षण से जुड़ा बिल प्रवर समिति को भेजा। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि प्रवर समिति को दी गई 15 दिन की समय सीमा भी जल्द पूरी होने वाली है। ऐसे में उसके बाद भी जल्द विधानसभा सत्र ना बुलाया गया तो आमरण अनशन पर बैठने पर मजबूर होंगे जिसका की वो पहले से ही ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने दिल्ली समेत उत्तराखंड के तमाम जिलों में बाकी बच्चे वंचित आंदोलनकारी के चीनी कारण की भी तत्काल मांग की है और कहा है कि सरकार को इसमें कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए इसके साथ-साथ उन्होंने राज्य आंदोलनकारी की पेंशन भी ₹15000 प्रति मास किए जाने की मांग उठाई है।
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