उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के रुख से नाराज आंदोलनकारियों ने अब आर पार की लड़ाई का ऐलान किया है। आज हुई महापंचायत में आंदोलनकारियों ने साफ किया कि सरकार अगर इसी तरह आनाकानी करती रही तो पूरे राज्य में आंदोलन किया जाएगा।
30 सितंबर तक अल्टीमेटम
चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि यदि 30 सितंबर तक राज्य सरकार ने 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर राज्य निर्माण आंदोलनकारी के बारे में फैसला ना लिया तो 1 अक्टूबर से राज्य भर में राज्य आंदोलनकारी फिर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। शहीद स्मारक पर आयोजित सभा में पारित हुए फैसले का समर्थन करते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा की चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति आंदोलनकारी के संयुक्त मंच के साथ है व जो कोशिश सरकार द्वारा आंदोलनकारीयो में फुट डालने की की जा रही है उसे किसी हालत में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह से विधानसभा में आंदोलनकारी के साथ खेल खेल। वह नैतिकता के तराजू पर किसी हालत में न्याय संगत और तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता।
सरकार का धोखा बर्दाश्त नहीं
धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की कि वह आंदोलनकारियों के आरक्षण और चीनीकरण के मामले में देर ना लगाए और इसे लोकसभा चुनाव के लिए मुद्दा ना बनाएं क्योंकि यह धोखा चलने वाला नहीं है । उन्होंने सरकार द्वारा बनाई गई पर्वेर् समिति कि कल होने वाली बैठक में शामिल होने वाले नेताओं से अपील की कि वे दलिय हित ना देखकर राज्य आंदोलनकारी की राज्य के लिए की गई कुर्बानियों पर ध्यान दें और जल्द से जल्द 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण और चिन्हकरण के सवाल पर एक सहमति बनाकर राज्य विधानसभा का आपात सत्र बुलाकर इस बिल को मंजूरी दिलवाएं । शहीद स्थल पर हुई पंचायत में संयुक्त समिति के संयोजक क्रांति कुकरेती सहसंयोजक सहसंयोजक अंबुज शर्मा चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय महासचिव नवीन नैथानी समेत राज्य भर से आए डेढ़ सौ से ज्यादा प्रमुख राज्य निर्माण आंदोलनकारी मौजूद थे
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