17 September 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

यूसीसी लागू होने को महेंद्र भट्ट ने बताया ऐतिहासिक कदम

यूसीसी लागू होने को महेंद्र भट्ट ने बताया ऐतिहासिक कदम

उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने को भाजपा ने इतिहास सृजित करने वाला कदम बताया है। राज्यवासियों को बधाई देते हुए प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा की इससे एक प्रदेश एक कानून के आगाज से सिवाय समाज को बांटने वालों के प्रत्येक राज्यवासी प्रसन्न है।

उन्होंने सीएम धामी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यूसीसी की गंगोत्री बनकर उत्तराखंड देश में एक समान कानून स्थापित करने में आदर्श मॉडल स्टेट का काम करेगा। जिसके लिए हम सब प्रदेशवासियों को मिलकर इस कानून को पूर्णतया सफल बनाते हुए राष्ट्र यज्ञ में आहुति देनी है।

भट्ट ने कहा कि आज का दिन हिंदुस्तान के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से देवभूमि के नाम अंकित हो गया है। राज्य के सवा करोड़ से अधिक जनमानस के लिए बेहद गौरवशाली क्षण है कि आजादी के बाद देश में यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। प्रत्येक उत्तराखंडवासी, चाहे वह किसी भी धर्म, वर्ग या क्षेत्र का हो उसके लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, सम्पत्ति, परिवार नियम एक समान हो गए हैं।

उन्होंने विश्वास जताया कि समान नागरिक संहिता अधिनियम महिलाओं को मजबूत बनाएगा, समाज को एकजुट करेगा, और सबके अधिकार सुरक्षित करेगा।

See also  मुख्य सचिव ने लिया सचिवालय परिसर का जायजा

उन्होंने कहा कि, इस अधिनियम से हम राज्य में धर्म, जाति या परंपरा के आधार पर भेदभाव खत्म करने में सफल होंगें। हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम और मुस्लिम पर्सनल लॉ एप्लीकेशन एक्ट जैसे कानूनों के अंतर को समाप्त कर, कानूनी बराबरी हम इसमें लेकर आए हैं।

यह कानून मातृ शक्ति के सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि राज्य में अब धार्मिक कानूनों की आड़ में कोई हलाला, इद्दत, तलाक से आधी आबादी की आजादी नहीं छीन पाएगा। वहीं बहुविवाह, बहुपतित्व जैसी परंपराएँ भी अमान्य होंगी। अब उत्तराधिकार के मामलों में सभी महिलाओं के अधिकार पुरुषों के समान होंगे, साथ ही पैतृक संपत्ति में महिलाओं का अधिकार संरक्षित रहेगा। कोई पर्सनल कानून की आड़ में अपनी बेटियों का विवाह 18 वर्ष से पहले नहीं करा पाएगा।

उन्होंने प्रदेश की देवतुल्य जनता से अपील की कि सर्वे भवन्तु सुखिना की संस्कृति को जीने वाले देवभूमिवासियों को एकरूपता और समानता के इस कानून को सफल बनाना है। ताकि शीघ्र ये गंगा की पावन धारा की तरह देश में सामाजिक खुशहाली का संदेश बनकर फैले। हमे गर्व होना चाहिए कि आजादी के समय से देशवासियों के मनमस्तिष्क में स्थापित विचार को धरातल पर देवभूमि में स्थापित करने में सफल हुए हैं।

See also  शिल्पी अरोड़ा को यहां मिली निदेशक की जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों द्वारा स्थापित अलग अलग कानूनों से सचमुच में एक कम्युनल और भेदभाव का अहसास होता है। क्योंकि जो कानून, धर्म के आधार पर बांटते हैं और ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं, उनका आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है। कम से कम 2047 तक विकसित भारत निर्माण में यह अस्वीकार्य है।

हमारा सौभाग्य है कि देवभूमि से इसकी शुरुआत हुई है, अब इसे सफल बनाकर, शीघ्र समूचे देश में इसे लागू करने का कालखंड आ गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश, दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है, विकसित भारत के स्वप्न को साकार हमे करना है। जिसके लिए मोदी जी ने देश में तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को दूर किया है। इसी कड़ी में देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के यज्ञ में यूसीसी देवभूमि की एक आहुति की तरह है।

See also  LUCC पीड़ित महिलाओं के प्रतिनिधिमंडल ने ज्योति रौतेला के रौतेला के नेतृत्व में सीएम धामी से की मुलाकात, न्याय दिलाने की मांग

उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के इस ऐतिहासिक कानून से समाज को हमेशा बांटने वालों के सिवाय राज्यवासी खुश हैं। एक तरफ समान नागरिक संहिता लागू होने से प्रदेश में समान रूप से उल्लास और उत्साह का माहौल है। दूसरी तरफ तुष्टीकरण के लिए इसे रोकने की मंशा करने वालों में मातम पसरा है। क्योंकि उनके लाख विरोध, अफवाह, भ्रम, झूठ के बावजूद हमारी सरकार जनता के सहयोग से इसे लागू करने में सफल हुए हैं। जो आज संस्कृति की दुहाई देकर इस कानून का विरोध कर रहे हैं वही अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर भारतीय संस्कृति का अपमान करते रहे हैं। यही लोग हैं जिन्हें उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलने, धार्मिक स्थानों की छवि बिगाड़ने और सनातन संस्कृति पर हमला करने वालों से कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन सभी लोगों के लिए समान कानून लागू होने से उन्हें वर्ग विशेष के गैरबराबरी वाले अधिकारों की चिंता हो रही है।