13 November 2025

Pahad Ka Pathar

Hindi News, हिंदी समाचार, Breaking News, Latest Khabar, Samachar

देहरादून में मेयर उम्मीदवार सुलोचना ईष्टवाल ने तेज किया प्रचार

देहरादून में मेयर उम्मीदवार सुलोचना ईष्टवाल ने तेज किया प्रचार

देहरादून नगर निगम के चुनाव में एकमात्र महिला प्रत्याशी सुलोचना ईष्टवाल खंकरियाल को सामान्य सीट पर महिला एकमात्र महिला उम्मीदवार होने के चलते महिलाओं का खासा जन समर्थन मिल रहा है। सुलोचना ईष्टवाल खंकरियाल के पक्ष में समर्थन देकर उन्हें लगभग आधा दर्जन राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी अपना एक गठबंधन बनाकर संयुक्त प्रत्याशी बनाया है।

ऊर्जा यानी उत्तराखंड राज्य जॉइंट एलायंस के नाम से बने इस गठबंधन के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी सुलोचना ईष्टवाल खंकरियाल के साथ चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।

ऊर्जा के संयोजक प्रांजल नौडियाल कहते हैं कि नगर निगम की मेयर प्रत्याशी सुलोचना ईष्टवाल का चुनाव चिन्ह पंखा है और महिलाएं तथा पूर्व सैनिक बड़ी संख्या में स्वत स्फूर्त ढंग से चुनाव प्रचार में जुट रहे हैं।

See also  डीएम पिथौरागढ़ ने किया विकास भवन का औचक निरीक्षण

सुलोचना ईष्टवाल खंकरियाल के पिता आर्मी में पूर्व कैप्टन रहे हैं और उनके ससुर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।

सुलोचना ईष्टवाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित संगठन से भी जुड़ी हुई हैं। बड़ी संख्या में गौरव सेनानी संगठन और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के कार्यकर्ता भी सुलोचना ईष्टवाल खंकरियाल के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

बड़ी संख्या में महिलाओं का जुटना अन्य राजनीतिक दलों के लिए भी हैरान कर देने वाला है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं पर अत्याचार से लेकर बेरोजगारी , मूल निवास और भू कानून तथा कर्मचारियों के शोषण को लेकर प्रत्येक संघर्ष में सुलोचना ईष्टवाल सदैव बराबर की भागीदार रही हैं। यही कारण है कि इस बार तमाम जन संगठन सुलोचना ईष्टवाल को अपना समर्थन दे रहे हैं।

See also  उपनल कर्मचारियों की हड़ताल पर कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने धामी सरकार पर बोला हमला

नगर निगम मेयर प्रत्याशी सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि नगर निगम में अब तक लगातार भाजपा और कांग्रेस की ही सरकारें रही है लेकिन देहरादून में नगर निगम की जमीनों पर अवैध कब्जों से लेकर तमाम भ्रष्टाचार और बिजली पानी सड़क की समस्याएं और भी ज्यादा बढ़ गई है। इसलिए इन समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से तमाम क्षेत्रीय राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने उनको अपना संयुक्त प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है।