मूल निवास और सशक्त भू कानून की मांग को लेकर संघर्ष समिति ने महत्वपूर्ण बैठक शहीद स्मारक देहरादून में की। जिसमें अलग अलग सामाजिक एवं राजनैतिक संगठनों ने हिस्सा लिया। बैठक में तय किया गया कि अगर सरकार जल्द अध्यादेश लाकर विगत वर्षों में भू कानूनो में हुए बदलावों को तुरंत प्रभाव से निरस्त नहीं करती एवं मूल निवास 1950 पर अपनी स्थिति साफ करते हुए एक श्वेत पत्र जारी नहीं करती तो 26 नवंबर (संविधान दिवस) से अनवरत भूख हड़ताल मोहित डिमरी के नेतृत्व में शुरू की जायेगी। मोहित डिमरी ने भी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि जब तक उत्तराखंड की जनता को उनका हक यानी मूल निवास और भू कानून नहीं मिल जाता तब तक उनकी लड़ाई उनका आंदोलन जारी रहेगा।
संघर्ष समिति ने साफ किया है कि ये उत्तराखंड के अस्तित्व से जुडा प्रश्न है। लिहाजा राज्य के लोग भू कानून, मूल निवास और अपने भविष्य को बचाने की इस लड़ाई में भागीदारी करें।
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