उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव की हलचल के बीच हालात विस्फोटक हैं। गुटबाजी चरम पर है और नेताओं का आपसी झगड़ा संगठन पर ही भारी पड़ने लगा है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के बीच टकराव चरम पर है। गणेश गोदियाल केदारनाथ सीट पर सीनियर पर्यवेक्षक हैं। आरोप हैं कि गोदियाल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बताए बिना ही टिकट के दावेदारों की लिस्ट दिल्ली भेज दी जिससे तल्ख़ी और भी बढ़ गई है।
कांग्रेस के भीतर मची तकरार की बात दिल्ली तक भी पहुंच चुकी है। लिहाजा 24 अक्टूबर को सभी बड़े नेता दिल्ली तलब किए गए हैं।
टिकट के दावेदार भी नाराज
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता एवं केदारनाथ विधानसभा सीट से दावेदार शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर के उन्होंने और 12 अन्य लोगों ने दावेदारी पेश की है ,लेकिन समाचार पत्रों में छपी खबरों से उन्हें जानकारी प्राप्त हुई है कि उप चुनाव के लिए भेजे गए पर्यवेक्षकों ने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई है और पक्षपात पूर्ण तरीके से प्रत्याशी चयन के लिए निष्पक्ष तरीके को दरकिनार किया है , पार्टी की परंपरा रही है कि पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपते हैं उसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी से पैनल तय करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाता है । लेकिन पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को ना भेज कर मनमाने तरीके से सीधे केंद्रीय नेतृत्व को भेजी है जिससे साफ प्रतीत होता है की प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बिल्कुल भी नहीं बरती जा रही है । उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बिना जिस मनमाने तरीके से पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई थी वह भी बड़ी गलती थी और वहीं से पक्षपात की आशंकाएं आकार लेने लगी थी जो अब सच होती प्रतीत हो रही है ।
शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि वो किसी के भी विरोधी नहीं है लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लिए बिना जिस मनमाने तरीके से केदारनाथ विधानसभा में प्रत्याशी थोपने का प्रयास हो रहा है, उससे अन्य दावेदारों में भी भारी आक्रोश है , प्रत्याशी चयन में अगर पर्यवेक्षकों को अपनी ही मनमानी करनी थी तो अन्य लोगों से आवेदन क्यों लिए गए और उनसे निर्धारित शुल्क क्यों जमा करवाया गया यह भी एक बड़ा विषय है , कुल मिला करके प्रदेश कांग्रेस कमेटी को विश्वास में ना लिया जाना किसी षडयंत्र और मैच फिक्सिंग की ओर इशारा कर रहा है , उन्होंने कहा कि वह अपना विरोध केंद्रीय नेतृत्व को भी दर्ज करवाएंगे इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से समय मांग रहे हैं और उनके साथ अन्य दावेदार भी केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे । उन्होंने कहा कि उन्हें प्रत्याशी चयन में पहले ही पक्षपात की आशंका थी इसीलिए उन्होंने सह प्रदेश प्रभारी को अपनी आशंकाओं से अवगत करा दिया था ,इसके बावजूद केदारनाथ विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर के जो पक्षपात किया जा रहा है वह पार्टी हित में बिल्कुल भी नहीं है
शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि मैं पार्टी का समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता हूं मजबूरी में मुझे पार्टी हित में सार्वजनिक मंच पर अपनी बात रखनी पड़ रही है उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय नेतृत्व से आग्रह करेंगे की केदारनाथ विधानसभा में जो अन्य दावेदार हैं उन्हें बुलाकर सर्वसम्मति बनाई जाए तब जाकर के प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया जाए और पार्टी से बाहर के किसी भी व्यक्ति को पार्टी पर ना थोप जाए सर्वसम्मति बनाकर पार्टी जिसे भी टिकट देगी सभी दावेदार एकजुट होकर उसको जीताने के लिए काम करेंगे लेकिन उसके लिए सबको विश्वास में लिया जाए ।
More Stories
देहरादून से बेंगलुरु के लिए हवाई सेवा की शुरुआत
सीएम धामी से मिले आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा
सीएम धामी ने की मॉरीशस के पीएम से मुलाकात