उत्तराखंड में आज से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। भराड़ीसैंण में पहली बार विधानसभा का मानसून सत्र चलाया जा रहा है। पहले दिन यानी आज सदन में केदारनाथ की दिवंगत विधायक शैलारानी रावत को श्रद्धांजलि दी जाएगी। अगले दो दिन यानी 22 और 23 अगस्त को सदन में सरकार कुछ विधेयक पेश करेगी साथ ही अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा। कल देर शाम बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक हुई जिसमें सरकार ने अपना एजेंडा तय किया। स्पीकर के साथ कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सदन के बिजनेस पर चर्चा की गई।
विपक्ष की रणनीति तैयार
मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने भी सदन में सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है। मंगलवार देर शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी मुद्दों पर बातचीत की गई। कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, केदारनाथ प्रतिष्ठा समेत कई ऐसे सवाल हैं जिनके जरिये विपक्ष सरकार पर हमलावर होने का प्लान बना चुका है। इसके साथ ही विपक्ष ने सत्र का टाइम कम होने पर भी आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कांग्रेस नियमों और परम्परा के विपरीत सरकार द्वारा साल भर में विधानसभा के सत्रों को कम दिन चलाने का विरोध करते हुए मानसून सत्र के काल को बढ़ाने की माँग करती है । उत्तराखंड विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के अनुसार साल में आहूत होने वाले विधानसभा के तीन सत्रों को मिलाकर कम से कम 60 दिन चलाना चाहिए। कुछ सालों से सरकार साल भर में कुल मिलाकर 15 दिन भी विधानसभा का सत्र नहीं चला रही है। गत सालों की भांति इस साल भी अभी तक विधानसभा के सत्र नाम मात्र के लिए चले हैं इन दिनों में शोक वाले दिन भी सम्मलित होते है ।विधानसभा के जिन कार्य दिवसों में शोक प्रस्ताव पर चर्चा होती है उस दिन अन्य कोई कार्य नहीं होता है। गत साल भी विधानसभा के सभी सत्र केवल 8 /10 दिनों चला था ।
सरकार कर रही बहानेबाजी- यशपाल आर्य
सरकार हर बार बिजनेस न होने का हास्यास्पद तर्क देती है। जबकि राज्य में अभी भी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों कानून चल रहे हैं सरकार में इच्छा शक्ति होती तो राज्य की परिस्थितियों के अनुसार विधानसभा में कानून बनाती। राज्य में यही विधायी कार्य तो हाउस का बिजनेस होता है ,राज्य के हजारों युवा उपनल सहित कई योजनाओं में सालों से अस्थायी सेवा कर रहे हैं। सरकार उनके लिए स्थायीकरण नीति जैसे कही विषयों को विधानसभा में लाकर विधानसभा में बिजनेस बड़ा सकती है।सरकार को राज्य और राज्य के निवासियों के हितों की कोई परवाह नहीं है।
इस बार भी कांग्रेस सकारात्मक राजनीति करते हुए जनमुद्दों को उठाएगी। कांग्रेस राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई, चारधाम यात्रा व्यवस्था में सरकार की नाकामी , आपदा , चौपट क़ानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार , लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं के कारण जन-धन की हानि, जैसे ज्वलंत मुद्दों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करना था लेकिन प्रभावी रूप से केवल दो दिन चलने वाले सत्र में इतने मुद्दों को उठाना संभव नही है। कार्यस्थगन के नियमों 310 और 58 के अर्न्तगत राज्य में अतिक्रमण के नाम पर सरकारी विभागों द्वारा तबाही करने आपदा पीड़ितों के मुआवजे और पुर्नवास,महंगाई एवं बेराजगारी , भू- कानून , कानून व्यवस्था , बिजली कटौती , जंगली जानवरों का आतंक , कलस्टर बना कर विद्यालयों को बंद करने आदि विषयों संबधित प्रश्नों का जवाब मिलना दो दिन में मिलना संभव नहीं है । इसलिए सरकार को सदन की अवधि बढ़ानी चाहिए। कांग्रेस सदन में मिल रहे हर सेकंड का सदुपयोग करते हुए प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को सदन में पुरजोर तरीके से घेर कर जबाबदेह बनाएगी।
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