राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उत्तराखंड के प्राथमिक स्कूलों में दूसरे राज्यों के प्राइवेट कॉलेज से डीएलएड की डिग्री लेने वाले प्रशिक्षुओं को उत्तराखंड के प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति दिए जाने का विरोध किया है। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि दूसरे राज्यों के प्राइवेट कॉलेज में डीएलएड की डिग्री के नाम पर बहुत धांधली हो रही है। यहां पर मात्र फीस देने पर ही डिग्री मिल जा रही है। किसी भी तरीके के प्रशिक्षण आदि की कोई बाध्यता नहीं है। सोशल मीडिया में ऐसे तमाम सबूत वायरल हो रहे हैं। अगर ऐसे प्रशिक्षुओं को उत्तराखंड के प्राथमिक स्कूलों में भर्ती किया जाएगा तो एक तो उत्तराखंड के नौनिहालों का भविष्य चौपट होना तय है, वही दूसरा उत्तराखंड के बेरोजगारों का हक भी मर जाएगा। 
उत्तराखंड में प्राइवेट कॉलेजों को डीएलएड कराने की मान्यता नहीं है। इसके पीछे तर्क दिया जाता रहा है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता खराब होगी। यहां तक कि सभी मानदंड पूरे करने के बावजूद चंपावत के डायट को भी डीएलएड कराने की मान्यता नहीं है। वहीं दूसरी ओर बाहरी निजी कॉलेज से डीएलएड करने वाले शिक्षकों को प्राथमिक स्कूलों में भर्ती कराए जाने की तैयारी है।
सरकार को आरआरपी की चेतावनी
उत्तराखंड के सभी सरकारी डायट में वर्तमान में मात्र 327 डीएलएड प्रशिक्षु उपलब्ध हैं। सितंबर तक इनकी संख्या लगभग 700 हो जाएगी। इसलिए लगभग 3000 डीएलएड प्रशिक्षु की भर्ती के लिए सरकार को दो या तीन भागों में संपन्न करना चाहिए, ताकि उत्तराखंड के सरकारी डायट में पर्याप्त प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को ही मौका मिले। शिवप्रसाद सेमवाल ने चेतावनी दी कि अगर सरकार दूसरे राज्यों के प्राइवेट कॉलेज से डीएलएड प्रशिक्षितों को भर्ती करती है तो इसका विरोध किया जाएगा।

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