जनपद रुद्रप्रयाग के बसुकेदार तहसील के अन्तर्गत छेनागाड़ में 29 अगस्त को घटित आपदा ने व्यापक नुकसान पहुँचाया। आपदा के बाद से लापता लोगों की तलाश हेतु जिला प्रशासन लगातार अथक प्रयास कर रहा है। खोज एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीआरडीएफ और पुलिस की टीमें पहले दिन से ही पूरी तत्परता से लगी हुई हैं। राहतकर्मी मलबे की गहराई तक पहुंचकर खोज कर रहे हैं। इस दौरान ड्रोन कैमरों और उन्नत उपकरणों की मदद से मलबे के भीतर संभावित स्थानों की पहचान की जा रही है।
शुक्रवार को भी रेस्क्यू टीमें लगातार सक्रिय रहीं। मैनुअल खोजबीन के साथ-साथ कुल 06 मशीनें – जिनमें 02 बड़ी और 04 छोटी मशीनें – मलबा हटाने और खुदाई में लगी हैं।
आज जेसीबी मशीनों की मदद से आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई बस को मलबे से बाहर निकाल लिया गया है, जिससे खोज कार्य में एक और महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
लोक निर्माण विभाग ने क्षतिग्रस्त छेनागाड़ सड़क मार्ग को मशीनों की आवाजाही के योग्य बना दिया है, जिससे राहत एवं बचाव अभियान में और तेजी आई है।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि लापता व्यक्तियों की खोज प्राथमिकता के आधार पर जारी है। इस पूरे अभियान की सीधी निगरानी जिलाधिकारी प्रतीक जैन कर रहे हैं, जो समय समय पर मौके पर पहुँचकर लगातार निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
प्रशासन द्वारा केवल रेस्क्यू ही नहीं, बल्कि प्रभावितों की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आपदा प्रभावित गांवों – बक्शीर बांगर, तालजामण, बड़ेथ, स्यूर और उछोला में स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात हैं। अब तक कई ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है तथा दवाइयाँ और प्राथमिक उपचार मौके पर ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं। साथ ही प्रभावित परिवारों के लिए आवश्यक सामग्री, अस्थायी आवास और खाद्यान्न की व्यवस्था की गई है।
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